पाकिस्तान में आग की लपटों में झुलस रही हिन्दुओं की आस्था

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में एक आक्रामक भीड़ ने एक हिंदू संत के मंदिर में तोड़फोड़ की और उसे क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना, करक जिले के तेरी इलाके में हुई।

Angry mob vandalized Hindu temple in Pakistan
पाकिस्तान में लगभग 8 मिलियन हिंदू जनसंख्या है। (Wikimedia commons)

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में एक आक्रामक भीड़ ने एक हिंदू संत के मंदिर में तोड़फोड़ की और उसे क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना करक जिले के तेरी इलाके में हुई। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के गवाह एक स्थानीय निवासी ने कहा, एक धार्मिक पार्टी के कुछ स्थानीय बुजुर्गों के नेतृत्व में एक हजार से अधिक लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और हिंदू पूजा स्थल को हटाने की मांग की।

उन्होंने कहा, वे मंदिर के बाहर इकट्ठा हुए, भाषण दिया…फिर मंदिर की ओर बढ़े और उस पर हमला कर दिया। 1920 से पहले बनाया गया यह मंदिर एक ऐतिहासिक पूजा स्थल था। इलाके के एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा, मंदिर में तोड़फोड़ करने से पहले भीड़ ने उसमें आग लगा दी। हिंदू समुदाय के एक व्यक्ति के निमार्णाधीन मकान को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि आसपास के गांवों के लोगों ने हिंदू मंदिर को हटाने की मांग के साथ एक विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी, लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।

सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक विचलित करने वाले वीडियो में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी मंदिर की दीवारों को गिराते हुए दिखे।

Angry mob vandalized Hindu temple in Pakistan
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में प्रदर्शनकारियों द्वारा गिराई जा रही मंदिर की दीवारें।

मौलवी ने भीड़ को उकसाया

करक जिले के पुलिस अधिकारियों ने घटना की पुष्टि की है। करक जिला के पुलिस अधिकारी इरफानुल्ला ने कहा, लोगों ने विरोध का आह्वान किया था, लेकिन एक आश्वासन के साथ कि यह शांतिपूर्ण होगा। हालांकि, मौलवी ने भीड़ को उकसाया, जिसके बाद वे धर्मस्थल पर हमला करने के लिए आगे बढ़े। मंदिर के रखवालों ने चोरी छुपे मंदिर के पास ही एक घर को कब्जे में ले लिया था। प्रदर्शनकारी इसके निर्माण के खिलाफ थे क्योंकि उनका कहना था कि मंदिर का विस्तार किया जा रहा है। इरफानुल्ला ने कहा कि इलाके में कोई हिंदू नहीं है।

उन्होंने कहा, भीड़ ने निमार्णाधीन मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसके चलते पास में स्थित मंदिर को भी नुकसान पहुंचा। प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। हालांकि, अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

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दूसरी बार हुआ हमला

यह दूसरी बार है कि धर्मस्थल पर हमला किया गया है। इसे 1997 में ध्वस्त कर दिया गया था और फिर 2015 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इसका पुनर्निर्माण किया गया। पाकिस्तान के संघीय मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने इस घटना की निंदा की। उन्होंने खैबर पख्तूनख्वा सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि दोषियों को सजा मिले।

उन्होंने कहा, खैबर पुख्तुन्ख्वा के करक में एक भीड़ द्वारा एक हिंदू मंदिर को जलाने की कड़ी निंदा करता हूं। सरकार को दोषियों को सजा दिलानी चाहिए। सभी नागरिकों और उनके पूजा स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। (आईएएनएस)

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