यमुना में अमोनिया नियंत्रण के लिए इस्तेमाल होगी यूरोपीय तकनीक

दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक, हरियाणा भारी मात्रा में औद्योगिक और घरेलू दूषित पानी छोड़ता है। इस तरह ये अमोनिया दिल्ली पहुंचता है।

European technology will be used to control ammonia in Yamuna
पानी से अमोनिया हटाने का सबसे प्रचलित तरीका है ऑक्सिडेशन। (Wikimedia Commons)

दिल्ली जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने गुरुवार को एक उच्चस्तरीय बैठक की और यमुना में बढ़े हुए अमोनिया के स्तर को नियंत्रित करने के उपायों पर चर्चा की। जल बोर्ड के मुताबिक, यमुना में हरियाणा द्वारा भारी में मात्रा में अमोनिया छोड़ा गया है। इसको कम करने के लिए ओजोनेशन प्लांट्स की संभावनाओं पर चर्चा की गई ताकि दिल्ली के लोगों को साफ और अमोनिया मुक्त पानी मिलता रहे।

दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा, “हम हरियाणा सरकार पर निर्भर नहीं रह सकते, न ही किस्मत पर छोड़ सकते हैं। हमें खुद से एक्शन लेकर दिल्ली के लोगों के लिए साफ पानी की लगातार सप्लाई सुनिश्चित करनी होगी।”

उन्होंने कहा, “अब वक्त आ गया है कि हरियाणा सरकार द्वारा छोड़े गए दूषित पानी के लिए हम ही पहल कर उसका समाधान निकालें, क्योंकि हरियाणा लगातार यमुना में अमोनिया वाला पानी छोड़ रहा है। हमने इस बैठक में ओजोनेशन प्लांट की संभावनाओं पर भी चर्चा की, ताकि बढ़े हुए अमोनिया के स्तर को कम किया जा सके।”

यह भी पढ़ें – यमुना की दुखद स्थिति से दुखी हैं ग्रीन वॉरियर्स

ओजोन एक बहुत शक्तिशाली ऑक्सिडाइजिंग एजेंट है, जिसका यूरोपीय देशों में बड़े पैमाने पर वॉटर ट्रीटमेंट के लिए प्रयोग किया जाता है। पिछले कुछ साल में इसका प्रयोग कीटाणुनाशक और ट्रीटमेंट ऑक्सिडेंट दोनों की तरह किया जाने लगा है। इसका बहुत तेजी से विघटन होता है, जिस वजह से पानी में कोई अपशिष्ट नहीं बचता है। अमोनिया जल प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण होता है। पानी से अमोनिया हटाने का सबसे प्रचलित तरीका है ऑक्सिडेशन और ओजोन के सूक्ष्म बुलबुले अमोनिया के ऑक्सिडाइजिंग में और बैक्टिरिया के उपचार में काफी सहायक होते हैं।

European technology will be used to control ammonia in Yamuna
अमोनिया जल प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण होता है। (Facebook)

हरियाणा में डीडी 1 और डीडी 2, दो नहरें हैं। इन दोनों नहरों से दूषित पानी यमुना में पहुंचता है। डीडी 2 नहर को डाईड्रेन भी कहा जाता है, क्योंकि इस नहर में इंडस्ट्रीज से निकला डाई ज्यादा मात्रा में होता है, जिसमें भारी अमोनिया मौजूद होता है। ये दोनों नहरें हरियाणा के पानीपत जिले के शिमला गुजरन गांव के पास एक-दूसरे से मिलती हैं। शिमला गुजरन गांव से ये नहरें आगे बहते हुए खोजकीपुर गांव के पास यमुना नदी में मिल जाती हैं। यमुना में प्रदूषण फैलाने वाला ये एक बड़ा केंद्र है, जहां अक्सर अमोनिया का स्तर 25 से 40 पीपीएम तक हो जाता है।

अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए – Yamuna Becomes A Stinking Sewage Canal Due to Pollution

दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक, हरियाणा भारी मात्रा में औद्योगिक और घरेलू दूषित पानी छोड़ता है। इस तरह ये अमोनिया दिल्ली पहुंचता है। अक्सर बिना ट्रीट किया हुआ पानी और सीवेज यमुना में छोड़ते रहते हैं, जिससे यमुना का पानी गंदा होता जाता है और दिल्ली में पानी के साथ भारी मात्रा में अमोनिया पहुंचता है।

राघव ने कहा, “सर्दियों में अमोनिया का स्तर बढ़ जाता है। दिल्ली जल बोर्ड का लक्ष्य है कि अमोनिया ट्रीटमेंट की क्षमता को आधुनिक तकनीक का प्रयोग कर इस स्तर तक बढ़ाया जाए कि आने वाले सालों में ये परेशानी न झेलनी पड़े। दिल्ली जल बोर्ड चंद्रावल और वजीराबाद प्लांट में इस पर काम जल्द शुरू करेगा।”

हरियाणा पर कानूनी कार्रवाई पर बात करते हुए चड्ढा ने कहा कि हरियाणा से बार-बार भारी मात्रा में अमोनिया वाला पानी छोड़ने के खिलाफ दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली के लोगों के हित में कोर्ट से भी न्याय की गुहार लगाने पर विचार करेगा। (आईएएनएस)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here