सरकार की विनिवेश नीति ‘परिवार के गहने बेचने’ जैसा नहीं : वित्त मंत्री निर्मला सितारमण

सीतारमण ने रविवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार का ध्यान सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) को मजबूत करना है और यह सुनिश्चित करना है कि वे पेशेवर रूप से खुद को चलाएं।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सितारमण ने कहा है कि सरकार की नई विनिवेश नीति, जिसमें पब्लिक सेक्टर के दो बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव शामिल है, ‘परिवार के गहने बेचने’ जैसा नहीं है। सीतारमण ने रविवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा कि सरकार का ध्यान सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) को मजबूत करना है और यह सुनिश्चित करना है कि वे पेशेवर रूप से खुद को चलाएं।

उन्होंने कहा, इसे सही नजरिए से देखा जाना चाहिए। यह वैसा नहीं है, जैसा कि विपक्ष कहता है कि ‘परिवार के गहने बेचना’ जैसा। परिवार के गहने आपकी ताकत होने चाहिए। बैंकिंग क्षेत्र पर उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास के लिए, देश को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) जैसा या उसके आकार जैसा कम से कम 20 बैंकों की जरूरत है। 

niramala sitaraman
1 फरवरी को  वित्त मंत्री ने तीसरा बजट पेश किया था । ( PIB)

उन्होंने दोहराया कि रणनीतिक क्षेत्रों में सरकार की कम से कम मौजूदगी होगी और वहीं होगी जहां सरकार का बने रहना बहुत जरूरी है। 1 फरवरी को अपना तीसरा बजट पेश करने वाली वित्त मंत्री ने कहा कि सामरिक क्षेत्र पूरी तरह से सरकार के अधीन नहीं रहेंगे और निजी क्षेत्र के उद्योगपतियों को भी अनुमति दी जाएगी। 

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वित्त वर्ष 2021-22 के लिए बजट पेश करते हुए सीतारमण ने प्रस्ताव दिया था कि आईडीबीआई बैंक के साथ-साथ अगले वित्तीय वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के 2 बैंक विनिवेश के लिए तैयार होंगे। आगामी वित्तीय वर्ष में एक बीमा कंपनी का भी निजीकरण किया जाएगा। (आईएएनएस )

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