कब तक ट्विटर सच को छुपाता रहेगा?

ट्विटर इंडिया ने डॉ मुनीश रायज़ादा द्वारा निर्मित डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ के प्रमोशन को रोक दिया है। क्या हम यह समझे कि सच के लिए आवाज़ उठाना जुर्म है?

0
432
Twitter India Stop promotion of Transparency web series
"ट्रांसपेरेंसी: पारदर्शिता", डॉक्यूमेंट्री सीरीज़

“सच छुपाने को वह तरस गए, भेद न खुले भरपूर कोशिश में रहे”

आज वक्त नया है, दौर नया है मगर आवाज़ दबाने का तरीका वही पुराना है। किसी सच को यदि जनता के सामने लाया भी जाता है, तो उस सच में छुपे दोषी हर हद तक प्रयास करते हैं कि उसे दबा दिया जाए। 

हम एक ऐसी दुनिया में हैं जहाँ सोशल मीडिया पर डाली गई हर चीज़ को सच कहा जाता है, चाहे उससे दंगे ही क्यों न भड़क जाए और जो वास्तविक सच्चाई का पक्ष लेते हैं या तो उनको हटा दिया जाता है या फिर चुप करा दिया जाता है।

यह भी पढ़ें: मुनीश रायज़ादा की राजनीतिक डॉक्यूमेंटरी ‘ट्रांसपेरेंसी’ हुई रिलीज़, बयां कर रही है आप की अनकही कहानी

यही साजिश ट्विटर इंडिया और आम आदमी पार्टी ने की है, आपको बता दें कि डॉ. मुनीश रायज़ादा द्वारा निर्मित डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ ‘ट्रांसपेरेंसी- पारदर्शिता’ के प्रमोशन को ट्विटर इंडिया ने रोक दिया है। इस फिल्म में कुमार विश्वास जैसे प्रखर वक्ता आम आदमी पार्टी की सोच और करतूतों का पर्दाफाश करते दिखाई दे रहे हैं। 

transparency-pardarshita
‘ट्रांसपेरेंसी- पारदर्शिता ‘वेब-सीरीज़ के प्रमोशन को ट्विटर इंडिया ने रोका।

यह साजिश नहीं तो और क्या है कि जब तक किसी को पता न चला और पैसा मिलता रहा तब तक ट्विटर इंडिया ने प्रमोशन किया, और जैसे ही आप के सोशल मीडिया सेल तक यह बात पहुंची इस प्रोमोशन को रोक दिया गया। 

क्या सच को छुपाना इतना आसान है? क्या वास्तविकता को बताना जुर्म की श्रेणी में आता है? और अगर सच किसी राजनीतिक दल के बारे में हो तो क्या ट्विटर इंडिया को यह अधिकार है कि वह प्रमोशन ही रोक दे? दरअसल, सवाल कई हैं मगर जवाब देने वाला कोई नहीं। 

इस डॉक्यूमेंट्री सीरीज़ में आपको आम आदमी पार्टी के हर पहलु और राज़ को जानने का मौका मिलेगा और यह सब आपको इस पार्टी से जुड़े पूर्व सदस्य ही बताएंगे। मगर एक सवाल हमे खुद से करना होगा कि क्या ट्विटर जो कर रहा है वह सही है और फिर कब वह सच को दबाता रहेगा और क्यों आम आदमी पार्टी इस वास्तविकता से लगातार दूर भागने की कोशिश में लगी है? 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here