UN में ‘तिब्बत में गरीबी उन्मूलन कार्य और सांस्कृतिक संरक्षण’ संबंधी बैठक हुई

यूएन मानवाधिकार परिषद के 46वें सम्मेलन की 'तिब्बत में गरीबी उन्मूलन कार्य और सांस्कृतिक संरक्षण' क्लाउड साइड बैठक 9 मार्च को पेइचिंग में आयोजित हुई, जिसमें देश-विदेश के करीब 100 से अधिक विद्वानों ने हिस्सा लिया।

यूएन ( UN ) मानवाधिकार परिषद के 46वें सम्मेलन की ‘तिब्बत में गरीबी उन्मूलन कार्य और सांस्कृतिक संरक्षण’ क्लाउड साइड बैठक 9 मार्च को पेइचिंग में आयोजित हुई, जिसमें देश-विदेश के करीब 100 से अधिक विद्वानों ने हिस्सा लिया। बैठक चीनी मानवाधिकार अनुसंधान संस्था, यूएन के जिनेवा कार्यालय और स्विट्जरलैंड के अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के चीनी प्रतिनिधिमंडल, तिब्बत सांस्कृतिक संरक्षण और विकास संघ, तिब्बत-शास्त्र अनुसंधान केंद्र द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित हुई।

बैठक में विद्वानों ने कहा कि सीपीसी पार्टी और चीन सरकार के नेतृत्व में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के गरीबी उन्मूलन कार्य में भारी उपलब्धियां हासिल हुई हैं। तिब्बत में विभिन्न जातियों के लोगों के अस्तित्व अधिकारों और विकास अधिकारों को सुनिश्चित किया गया है।

चीनी तिब्बत शास्त्र अनुसंधान केंद्र के सामाजिक और आर्थिक अध्ययन संस्था के प्रभारी चाल्वो ने कहा कि चीन की केंद्र सरकार ने तिब्बत की अति गरीबी समस्या के प्रति सिलसिलेवार खास सहायता नीतियां पेश कीं। तिब्बत में गरीबी उन्मूलन कार्य चीन के गरीबी उन्मूलन कार्य का एक अहम भाग है, साथ ही विश्व के लिए एक मिसाल की रचना भी की। जो मानव जाति के गरीबी उन्मूलन कार्य का विकास करने के लिए अति महत्वपूर्ण है।

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यूएन ( UN ) का झंडा। (Wikimedia Commons ) 

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नेपाल के अनिगो संघ के अध्यक्ष सालपोतम श्रेष्ठ का मानना है कि चीन सरकार तिब्बत की परंपरागत संस्कृति की रक्षा करने में लगी है। चीन सरकार की बड़ी मेहनत से ‘गेसारराजा’ विश्व में सबसे लम्बी ऐतिहासिक कहानी बन चुकी है। साथ ही ‘गंजुर’ और ‘दंजुर’ का नया संस्करण का प्रकाशित किया गया, जो तिब्बती बौद्ध धर्म के ज्ञान का सागर माना जाता है।

चीनी तिब्बत शास्त्र अनुसंधान केंद्र के अनुसंधानकर्ता जंग त्वे ने कहा कि यह बैठक अंतर्राष्ट्रीय तिब्बती शास्त्र अनुसंधान में सहमति पा सकेगी, जो अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को चीन के तिब्बत की असली स्थिति के बारे में जानकारी दे सकेगी। ( AK आईएएनएस )

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