चीन के पुरातत्वविदों ने उत्तर-पश्चिम चीन के झिंजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र में एक प्राचीन मकबरे की जांच करते हुए अनुमान लगाया है कि यह स्थल सूर्य की पूजा के लिए समर्पित था। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2015 में इलि के कजाक ऑटोनोमस प्रिफेक्च र में निल्का काउंटी में यह मकबरा पाया गया था।
इससे पहले झिंजियांग रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ कल्चरल रेलिक्स एंड ऑर्कियोलॉजी के एक पुरातात्विक दल द्वारा खुदाई में कब्र में मिट्टी के बर्तनों और पत्थर के औजार मिले थे, जिससे शोधकर्ताओं ने इसके 3,500 साल पहले के आसपास का होने का अनुमान लगाया था।
पिछले साल शुरू हुए उत्खनन परियोजना में मकबरे के साथ पत्थरों की 17 लाइनों की खोज की गई थी, जो सूर्य की किरणों जैसा दिखता है।
![Signs of Sun worship found in 3,500-year-old mausoleum in northwest China](https://hindi.newsgram.com/wp-content/uploads/2020/12/InShot_20201221_003013979-1024x493.jpg)
परियोजना के नेतृत्वकर्ता रुआन कियूरॉन्ग ने कहा, “किरण की तरह पैटर्न सूर्य की उपासना के बारे में हो सकता है। झिंजियांग और यूरेशियन घास के मैदान के अन्य हिस्सों में अवशेष साइटों में इसी तरह के पैटर्न पाए गए हैं।”
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रुआन ने कहा कि, मकबरे के चेंबर के नीचे और बाहरी हिस्से को लाल मिट्टी से ढंक दिया गया था, जो सूर्य की उपासना की ओर भी इशारा करता है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि मकबरे की जटिल संरचना से पता चलता है कि इसके मालिक की सामाजिक स्थिति ऊंचे दर्जे की थी।
विशेषज्ञों का कहना है कि मकबरा शिनजियांग में 3,000 साल से अधिक पुराने सामाजिक परिस्थितियों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण शोध सामग्री प्रदान करती है। (आईएएनएस)