रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑगेर्नाइजेशन (नाटो) से यूरोप में शीत युद्ध के दौर की इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज (आईएनएफ) संधि की समाप्ति के बाद से पैदा हुए तनाव को कम करने के लिए कहा है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, क्रेमलिन में प्रकाशित एक बयान में पुतिन ने सोमवार को पिछले साल संधि से अमेरिका के हटने की आलोचना की। इसके कारण संधि खत्म हुई और हथियारों के इस्तेमाल को लेकर खतरा बढ़ गया है।
उन्होंने कहा, “भरोसे को हुए नुकसान को कम करने के लिए सक्रिय प्रयासों की जरूरत है। क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता को मजबूत करने, साथ ही साथ मिसाइल और हथियारों को लेकर गलतफहमी और असहमति से पैदा हुए खतरे को कम करना है।”
पुतिन ने फिर से पुष्टि की कि “रूस ने आईएनएफ के तहत जमीन पर मिसाइलों की तैनाती को लेकर तब तक नियमों का पालन किया जब तक कि वैसी ही अमेरिका निर्मित मिसाइलें दिखाई नहीं दीं”। उन्होंने नाटो देशों से आह्वान किया कि वे रूस को भी ऐसी ही समय अवधि दें।
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पुतिन ने कहा, “हम आईएनएफ के खत्म होने के बाद नकारात्मक परिणामों को कम करने के लिए और कदम उठाने के लिए तैयार हैं।”
बता दें कि 2 अगस्त को वाशिंगटन आईएनएफ संधि से हट गया था और उसने घोषणा की थी कि अमेरिका-रूसी द्विपक्षीय परमाणु निरस्त्रीकरण युग समाप्त हो गया है। 1987 में पूर्व सोवियत संघ और अमेरिका के बीच जमीन पर मध्यवर्ती-सीमा और कम दूरी की मिसाइलों के उन्मूलन को लेकर आईएएनएफ ट्रीटी पर हस्ताक्षर किए गए थे।(आईएएनएस)