कोरोना महामारी के बीच अधिकांश भारतीय घर से काम कर रहे हैं, इसलिए पिछले साल की समान अवधि की तुलना में अप्रैल 2021 में रिमोट वर्क (वर्क फ्रॉम होम) के लिए होने वाली खोज बढ़कर 966 प्रतिशत दर्ज की गई है। जॉब साइट इंडीड के आंकड़ों में यह जानकारी मिली है। डेटा से पता चला है कि दूरस्थ कार्य की खोज 60 से 64, 15 से 19 और 40 से 44 आयु समूहों में अधिक देखने को मिली है, जिनमें प्रत्येक के लिए यह रुझान 13 प्रतिशत दर्ज किया गया है। इसके अलावा 35 से 39 और 20 से 24 आयु समूहों में से प्रत्येक के लिए इस प्रकार की खोज 12 प्रतिशत देखी गई है।
डेटा से यह भी पता चला है कि बेंगलुरू 16 प्रतिशत के साथ रिमोट वर्क खोज के लिए चार्ट में सबसे ऊपर है, इसके बाद दिल्ली (11 प्रतिशत), मुंबई (8 प्रतिशत), हैदराबाद (6 प्रतिशत) और पुणे (7 प्रतिशत) का स्थान आता है।
दूरस्थ नौकरियों की यह बढ़ती मांग कोरोना महामारी के दौरान खासतौर पर देखी जा रही है।
इंडीड इंडिया के प्रबंध निदेशक शशि कुमार ने सोमवार को एक बयान में कहा, कोविड-19 महामारी ने भारत में कार्यों में प्रौद्योगिकी को अपनाने पर तेजी से नजर रखी है और हमारी पीढ़ी के घर से सबसे बड़े प्रयोग को गति प्रदान की है। हमारे डेटा ने दूरस्थ नौकरियों की खोज में लगातार वृद्धि दिखाते हुए इसे प्रतिबिंबित किया है।
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आंकड़ों से पता चला है कि महामारी ने नौकरी तलाशने वाले के दौरान स्थान के विपरीत काम करने को लेकर कौशल के महत्व को सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में परिभाषित किया है। यह उम्मीद की जाती है कि नियोक्ता काम के भविष्य के रूप में हाइब्रिड काम को अपनाते हुए घर से काम करने के विकल्पों में वृद्धि करेंगे।
कार्यों और क्षेत्रों में तकनीकी एकीकरण की बढ़ती आवश्यकता के साथ, निर्बाध कार्य सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता वाली नौकरी की भूमिका सबसे अधिक मांग में रही है। डेटा से यह भी पता चला कि तकनीकी सहायता विशेषज्ञ (25 प्रतिशत) सबसे अधिक खोजी जाने वाली दूरस्थ नौकरियों में से एक के रूप में उभरा है, जिसके बाद डेटा एंट्री क्लर्क (22 प्रतिशत), आईटी रिक्रूटर (16 प्रतिशत), कंटेंट राइटर (16 प्रतिशत) और बैक एंड डेवलपर (15 प्रतिशत) का स्थान आता है।(आईएएनएस-SHM)