अयोध्या को सजाने और संवारने में जुटी योगी सरकार

अयोध्या जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण और दुनियां की सबसे ऊंची भगवान श्रीराम की प्रतिमा बनने के बाद भविष्य में वहां पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।

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योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश (Wikimedia Commons)

By: विवेक त्रिपाठी

अयोध्या अपने खोए हुए वैभव को प्राप्त करने के लिए सज-संवर रही है। करीब पांच शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ होने के बाद भविष्य की जरूरतों के लिहाज से अयोध्या तैयार हो रही है।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अयोध्या के कायाकल्प पर 2000 करोड़ से अधिक की राशि खर्च कर रही है। जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण और वहां बनने वाली दुनियां की सबसे ऊंची भगवान श्रीराम की प्रतिमा बनने के बाद भविष्य में वहां पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। सरकार के अनुमान के अनुसार, 2020 से 2031 के दौरान इस संख्या में तीन गुना यानि 2़2 करोड़ से 6़8 करोड़ से अधिक की वृद्धि होगी।

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अयोध्या में एक अधिकारी के मुताबिक, आने वालों को बेहतर सुविधाएं मिलें, उनके दिलो-दिमाग पर अयोध्या की अच्छी और अमिट छवि बने, इसकी वह औरों से चर्चा करें ताकि वह भी अयोध्या आएं, इस सबके लिए अयोध्या को तैयार किया जा रहा है। अगर सभी विभागों को जोड़ दिया जाय तो दो हजार करोड़ रुपये से अयोध्या के कायाकल्प की तैयारी है।

मौजूदा समय में पर्यटन विभाग की ओर से 258़ 12 करोड़ रुपये की लागत से समेकित पर्यटन के लिए विकास के कई काम जारी हैं। कुछ पूरे भी हो चुके हैं। इसके अलावा सभी प्रमुख प्रवेश मागोर्ं पर थीम बेस्ड गेट के निर्माण, परिक्रमा पथों के विकास, कुंडों का जीर्णोद्घार, टूरिस्ट फैसिलिटेशन के निर्माण, पाकिर्ंग, यात्री सुविधाओं और फूडकोर्ट के निर्माण आदि के लिए केंद्र सरकार को 200 करोड़ का प्रस्ताव भी विभाग की ओर से शीघ्र ही केंद्र को भेजा जाना है।

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अयोध्या के प्रस्तावित राम मंदिर का डिज़ाइन (Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra, Twitter)

इसके अलावा एक नयी अयोध्या का निर्माण भी होना है। ऐसी अयोध्या जो वैदिक और स्मार्ट सिटी का समन्वय हो। इसके लिए उप्र आवास-विकास परिषद ने 639 एकड़ भूमि भी चिन्हित की है। फि लहाल अयोध्या में राम की पैड़ी के सुंदरीकरण, यहां के फ साड (मेन गेट) इंप्रूवमेंट के सिविल कार्य, बहुउद्देशीय हाल, गुप्तार घाट और लक्ष्मण किला घाट और रामकथा का विस्तारीकरण, राजा दशरथ की समाधि के जीर्णोद्घार का काम पूरा हो चुका है। पंच कोसी पर परिक्रमा करने वालों के विश्राम के लिए जगह-जगह छाजन बनाने, मल्टी लेवेल कार पाकिर्ंग, बस स्टैंड, क्वीन-हो मेमोरियल का सुंदरीकरण और यात्री निवास के उच्चीकरण का काम जारी है। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, लोक निर्माण, नगर विकास एवं शहरी नियोजन, सिंचाई एवं जल शक्ति, ऊ र्जा एवं वैकल्पिक ऊ र्जा विभाग की ओर से भी अयोध्या के कायाकल्प के लिए काम किया जा रहा है। इन सबके कामों को जोड़ दें तो अयोध्या के विकास पर आने वाले समय में केंद्र और प्रदेश सरकार 2000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने जा रही है।

होटल इंडस्ट्री को भाई अयोध्या

किसी शहर की संभावनाओं का अंदाजा बाजार को सबसे पहले लगता है। अयोध्या में पर्यटक आएंगे तो उनके ठहरने की भी व्यवस्था उनके बजट में होनी चाहिए। इन्हीं संभावनाओं के मद्देनजर होटल इंडस्ट्री के लिए अयोध्या निवेश का पसंदीदा स्थल बन गया है। 2018 में नयी पर्यटन नीति आने के बाद वहां के लिए 20 प्रस्ताव सरकार को मिल चुके हैं। इसमें एक होटल और एक रिसॉर्ट के अलावा 12 बजट, 3 हेरीटेज और बाकी सामान्य होटल हैं। नयी अयोध्या के निर्माण के साथ इंडस्ट्री के बड़े प्लेयर भी अपने लक्जरी ब्रांड के साथ अयोध्या आएंगे।

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मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने कहा, वर्तमान राज्य सरकार अयोध्या में मूलभूत पर्यटन सुविधाओं सहित समग्र विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। राज्य सरकार के प्रयासों में केन्द्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अयोध्या के विकास में और गति आए, इसके लिए हर स्तर पर त्वरित निर्णय लेकर सभी परियोजनाओं को निर्धारित समय-सीमा में पूरा करना आवश्यक है।(आईएएनएस)

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