74 वर्ष पुराने एक हिंदू मंदिर में कुछ अज्ञात हमलावरों ने तोड़फोड़ की|

 रावलपिंडी (Rawalpindi) के पुराना किला इलाके में स्थित 74 वर्ष पुराने एक हिंदू मंदिर (Hindu temple) में कुछ अज्ञात हमलावरों ने तोड़फोड़ की है।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मंदिर में रविवार तड़के हुई तोड़फोड़ के खिलाफ बानी गाला थाने में मामला दर्ज किया गया है।

अधिकारियों ने कहा कि मंदिर की मरम्मत की जा रही है। पिछले एक महीने से निर्माण और मरम्मत का काम चल रहा है।

यह भी बताया गया कि पुनरुद्धार का काम जारी रहने के कारण मंदिर में न तो धार्मिक अनुष्ठान हो रहे थे और न ही परिसर में कोई मूर्तियां थीं।

रावलपिंडी, नॉर्दर्न जोन, इवैक्यू ट्रस्ट प्रॉपर्टी के सहायक सुरक्षा अधिकारी सैयद रजा अब्बास ने कहा, “दस से 12 लोग आए और बाहरी हिस्से में बने मंदिर के दरवाजों और सीढ़ियों पर तोड़फोड़ की, जिससे निर्माण कार्य प्रभावित हुआ।”
मंदिर के प्रशासक ओम प्रकाश ने बताया कि घटना के बाद मंदिर के साथ-साथ उनके घर पर भी सुरक्षा तैनात कर दी गई है।

हिंदू मंदिर पर ताजा हमला कोई पहला मामला नहीं है, क्योंकि पिछले दिनों देश के विभिन्न हिस्सों में उपद्रवियों ने कई अन्य मंदिरों पर भी हमला किया है।

पाकिस्तान (Pakistan) के हिंदू समुदाय ने सरकार से अपने धार्मिक स्थलों (Religious Places) की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें अपने धार्मिक अनुष्ठान करने में सुविधा प्रदान करने का आह्वान किया है|

कब तक मुसलमान हमारी संस्कृति को खंडित करते रहेंगे? (सांकेतिक चित्र, Wikimedia commons)

गौरतलब है कि दिसंबर 2020 में एक मौलवी ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक ऐतिहासिक स्थल पर हमला करने के लिए समर्थकों और अनुयायियों को भड़काया था। इसके परिणामस्वरूप सरकार को न केवल उस स्थल को सुरक्षित करने के लिए कदम उठाना पड़ा, बल्कि इसका जीर्णोद्धार भी हुआ।

यह पहली बार नहीं है, जब हमारे हिन्दू मंदिरों पर हमला किया गया हो। हमारा इतिहास गवाह है कि मुसलमानों ने ना जाने कितनी बार हमारी धार्मिक आस्था पर चोट पहुंचाई है। मथुरा, उत्तर प्रदेश (uttar pardesh) जहां कृष्ण जन्म भूमि है। वहां स्तिथ कृष्ण मंदिर को औरंगजेब (Aurangzeb) ने करीब 1660 में तोड़कर मस्जिद बनवाई थी। इसके अलावा अयोध्या में राम जन्म भूमि जो भगवान राम की पवित्र नगरी है। इतिहास में 1528 में मीर बाकी (Mir Baqi) ने तोड़कर वहां बाबरी मस्जिद का निर्माण करवाया था। हमारे भारत के पश्चिम में गुजरात (Gujrat) का रुद्र महालय मंदिर जिसे 1410 – 1444 के दौरान अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin khalji) ने कई बार विध्वंस करवाया था और कश्मीर (Kashmir) घाटी में विशालकाय मार्तण्ड सूर्य मन्दिर स्तिथ है। जिसे मुस्लिम शासक सिकंदर बुतशिकन (Sikandar Butshikan) ने तुड़वा दिया था। 

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यह तो इतिहास के कुछ बड़े पन्ने हैं। अक्सर हम ये खबर सुनते आए हैं कि, हिन्दू मंदिरों को मुसलमानों द्वारा विध्वंस किया गया जाता है। 2019 में ही पुरानी दिल्ली (Old delhi) में मुसलमानों की एक भीड़ ने प्राचीन दुर्गा मंदिर (Temples) पर देर रात पथराव किया था। ऐसी कई घटनाएं हैं जहां हमारे हिन्दू मंदिरों को तोड़ हमारी धार्मिक आस्था पर चोट पहुंचाई जाती है। आखिर कब तक ये सिलसिला चलता रहेगा? कब तक मुसलमान हमारी संस्कृति को खंडित करते रहेंगे? क्यों इसके विरुद्ध कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है?

हिंदू अल्पसंख्यकों के प्रति व्यवहार के लिए पाकिस्तान को कई बार वैश्विक आलोचना का सामना करना पड़ा है। इन यातनाओं में हिंदुओं का जबरन धर्मातरण, अपहरण, क्रूर हमले और धार्मिक स्थलों पर हमले शामिल हैं। (आईएएनएस-SM)

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