अफ़ग़ानिस्तान में भारत के खिलाफ, पाकिस्तान रच रहा है बड़ी साजिश

आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) जलालाबाद में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर वाहन-जनित हमले कर सकता है और इसके लिए वह आईईडी का इस्तेमाल कर सकता है।

Pakistan provokes terrorism
अफगानिस्तान में भारतीय प्रतिष्ठानों पर पाक प्रायोजित हमले की आशंका (Pixabay)

By: सुमित कुमार सिंह

भारत अपनी एक सीमा पर जब चीन से उलझा हुआ है, उस दौरान पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस एजेंसी यानी आईएसआई अफगानिस्तान में भारतीय प्रतिष्ठानों पर हमले की योजना बना सकती है। भारत की खुफिया एजेंसियों ने ये आशंका जताई है।

अफगानिस्तान और भारत के सुरक्षा एजेंसियों को इस बारे में सतर्क कर दिया गया है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) जलालाबाद में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर वाहन-जनित हमले कर सकता है और इसके लिए वह आईईडी का इस्तेमाल कर सकता है।

यह भी पढ़ें- नियंत्रण रेखा की निगरानी के लिए पाकिस्तान ने खरीदा चीन का जिलिन-1 सैटेलाइट डेटा

भारतीय खुफिया एजेंसी ने कहा, “लश्कर-ए-तैयबा के चार आत्मघाती हमलावरों को कुनार प्रांत में भेजा गया है। वे जलालाबाद में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर एक वाहन-जनित इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस हमले की योजना बना रहे हैं।”

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि अफगानिस्तान में भारतीय प्रतिष्ठानों को कई खतरे हैं। इसके प्रमुख कारणों में से एक अफगानिस्तान में भारत के बढ़ते प्रभाव से पाकिस्तान के अंदर बढ़ रही असुरक्षा भी शामिल है। अधिकारी ने कहा, “ऐसे में वे भारतीय कर्मियों और बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के लिए प्रॉक्सी / प्रायोजक आतंकवादी समूहों का इस्तेमाल कर सकते हैं।”

पाकिस्तान ने काबुल में जातीय अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने वाले हाई विजिबिलिटी और अधिक प्रभाव वाले हमलों को अंजाम देने के लिए इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रोविंस (आईएसकेपी) को भी शामिल किया है। उन्होंने अफगानिस्तान में हिंदू और सिख समुदायों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। कभी ऐसा भी वक्त था, जब इन समुदायों की ताकत सरकार में, अच्छी तरह से स्थापित व्यवसायों और उच्च रैंकिंग पदों के साथ हजारों में थी। लेकिन अब उनमें से अधिकांश युद्ध और उत्पीड़न के बाद भारत, यूरोप या उत्तरी अमेरिका का रूख कर चुके हैं।

इसके अलावा पाकिस्तान भारतीय मुसलमानों को जिहाद अपनाने के लिए मजबूर कर रहा है। उसने अफगानिस्तान में भी भारतीयों के साथ ऐसा करना शुरू कर दिया है।


पाकिस्तान भारतीय युवाओं को बरगला रहा है। (सांकेतिक तस्वीर, Pixabay)

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कहा था कि भारतीय आईएसआईएस सहयोगी – हिंद विलय, जिसकी 10 मई, 2019 को घोषणा की गई थी, उसके केरल और कर्नाटक में पहले से ही करीब 180 से 200 सदस्य हैं।

अफगानिस्तान में वर्तमान सुरक्षा स्थिति तालिबान और आईएसकेपी, दोनों के हमलों के चलते अस्थिर बनी हुई है।

अपनी क्षेत्रीय शक्ति को बढ़ाने के लिए तालिबान ने 28 और 29 मार्च को उत्तरपूर्वी प्रांत बदख्शन में युमगन जिले को अपने कब्जे में ले लिया था, साथ ही अफगान सुरक्षा बलों को निशाना बनाते हुए अपने हमलों को जारी रखा।

यह भी पढ़ें- देश भर में दिल्ली जैसे विरोध प्रदर्शन कराने की तैयारी में था शरजील इमाम

तालिबानियों ने तब तक बदख्शन प्रांत के युमगन और जुर्म जिलों को नियंत्रित किया, जब तक 2019 के अंत में सरकारी बलों ने उन्हें वापस नहीं पा लिया।

इस साल अफगान सुरक्षा बलों ने 18 अप्रैल को जौजान प्रांत के खामब जिले में आतंकवादी समूह पर भारी हमला कर क्षेत्र का नियंत्रण वापस पा लिया था।(आईएएनएस)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here