स्टील की मांग आने वाले वर्षों में और बढ़ने की उम्मीद है, जिसके चलते भारत को अपना स्टील उत्पादन बढ़ाना होगा। कर्नी ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही। ‘भारत के इस्पात उद्योग के लिए विकास की कहानी फिर से लिखना’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने 2024-2025 तक प्रतिवर्ष 18 करोड़ से 19 करोड़ टन और 2030 तक 30 करोड़ टन उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इसने कहा कि हालांकि, कोविड-19 लॉकडाउन ने आर्थिक गतिविधियों को अचानक रोक दिया और कमजोर मांग के साथ स्टील उद्योग की रफ्तार सुस्त पड़ गई।
इसने कहा, “2020 के 11 करोड़ टन से मांग बढ़कर 2030-2031 तक 23 करोड़ टन होने की उम्मीद है, भारत को अपना स्टील उत्पादन बढ़ाने की जरूरत होगी।”
भारत का स्टील उद्योग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियों के माध्यम से 25 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देता है और 2031 तक 36 लाख नौकरियां पैदा करने की उम्मीद है, जिससे देश की आर्थिक समृद्धि में योगदान बढ़ेगा।
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उद्योग स्टील का सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है, जिसकी मांग में 60 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। निर्माण में स्टील की खपत 2030-2031 तक 13.8 करोड़ टन तक पहुंचने की उम्मीद है। (आईएएनएस)