कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए भारत में समय पर और कड़े राष्ट्रव्यापी बंद (लॉकडाउन) ने ‘वी’ शेप यानी तेज रिकवरी के साथ आर्थिक सुधार का नेतृत्व किया है। आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 में यह दावा किया गया है। यह दस्तावेज शुक्रवार को लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्तुत किया। सर्वेक्षण में कहा गया है कि महामारी के साथ समय से निपटने के बाद लंबी अवधि के लिए आर्थिक मोर्चे पर रिकवरी के लिए आक्रामक कदम उठाए गए। सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत ने कोविड-19 के प्रसार की गति पर अंकुश लगाने के लिए मार्च के अंत से लेकर मई तक कड़े लॉकडाउन को लागू किया। पूरे दो महीनों के लिए अर्थव्यवस्था में आए एक ठहराव के बाद पिछले वर्ष की तिमाही की तुलना में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का आकार 23.9 प्रति घट गया।
सर्वेक्षण के अनुसार, जून 2020 के बाद से क्रमिक ‘अनलॉक’ के बाद देश ने ‘वी’ आकार की रिकवरी (तेजी से बढ़ना) का अनुभव किया है। वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति वी. सुब्रमण्यन द्वारा तैयार किए गए दस्तावेज में इसके अलावा कहा गया है कि संक्रमण की दूसरी लहर से बचने के दौरान वी शेप के आर्थिक सुधार ने भारत को अद्वितीय सिंक्रनाइज वैश्विक मंदी में ‘सुई जेनेरिस’ यानी यूनीक मामला बनाया है।
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आर्थिक सर्वेक्षण दस्तावेज में कहा गया है कि वैश्विक महामारी से उत्पन्न आर्थिक मार के बावजूद भारत में स्थिर मुद्रा, आरामदायक चालू खाते (कंफर्टेबल करंट अकाउंट) और विनिर्माण क्षेत्र के उत्पादन में उत्साहजनक संकेतों के साथ स्थिर वृहद आर्थिक स्थिति (स्टेबल मैक्रो इकनॉमिक्स) के साथ एक वी-आकार की रिकवरी देखने को मिल रही है। दस्तावेज में महामारी की शुरूआत में अपनाए जाने वाले निवारक उपायों को कारगर बताया है। (आईएएनएस)