आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 33 करोड़ छात्रों के लिए डिजिटल शिक्षा

शिक्षा मंत्रालय ने खासतौर पर आत्मनिर्भर भारत अभियान के इन तहत डिजिटल संसाधनों तक पहुंच बनाई। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत ही पीएम ई-विद्या जैसी एक व्यापक पहल भी की गई है।

Ramesh Pokriyal_ ministry of education
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल। (PIB )

कोरोना संकट काल में छात्रों तक पहुंचने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने डिजिटल शिक्षा का भरपूर इस्तेमाल किया है। शिक्षा मंत्रालय ने खासतौर पर आत्मनिर्भर भारत अभियान के इन तहत डिजिटल संसाधनों तक पहुंच बनाई। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत ही पीएम ई-विद्या जैसी एक व्यापक पहल भी की गई है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, “इस पहल से डिजिटल, ऑनलाइन, रेडियो की मदद से स्कूल जाने वाले लगभग 33 करोड़ छात्र-छात्राओं को लाभ पहुंचाया जा रहा है।”

उन्होंने दीक्षा, स्वयं, स्वयंप्रभा, आईआईटी पाल, शिक्षावाणी पॉडकास्ट, साइन लैंग्वेज जैसे कार्यक्रमों के बारे में बताते हुए कहा कि यह सभी कार्यक्रम शिक्षा की पहुंच को सहज एवं सशक्त बनाते हैं। गौरतलब है कि देश में कक्षा एक से लेकर 12वीं तक सभी छात्रों के लिए ऑडियो विजुअल शैक्षणिक कार्यक्रम बनाया गया है। इन कार्यक्रमों का सीधा टेलीकास्ट टेलीविजन पर उपलब्ध कराया जाएगा है। शिक्षा मंत्रालय इसके लिए एक एमओयू भी साइन किया है।

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छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षा

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने कहा, “हमने एक एमओयू किया है। इसके माध्यम से कक्षा एक से बारहवीं तक तक के सभी छात्रों को टीवी एवं अन्य ऑनलाइन माध्यमों पर शैक्षणिक कार्यक्रम उपलब्ध कराया जाएगा। यह टेलीकास्ट विद्यादान, दीक्षा, स्वयंप्रभा आदि चैनल्स पर उपलब्ध है।”

कोरोना संक्रमण के चलते अभी भी अधिकांश स्कूल, कॉलेज एवं शिक्षण संस्थान बंद हैं। ऐसे में सरकार और स्कूलों के संयुक्त प्रयास से छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा मुहैया कराई जा रही है। ऑनलाइन के अलावा ऑन एयर शिक्षा भी छात्रों के बीच खासी लोकप्रिय हो रही हैं। महामारी के दौरान सरकारी ऑन एयर शिक्षा चैनल्स को 80 करोड़ से अधिक हिटस मिल चुके हैं।

वहीं नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन पर बात करते हुए डॉ. निशंक ने कहा, “हमने इस दिशा में ‘शिक्षक पर्व, विजिटर कॉन्क्लेव, गवर्नर कॉन्क्लेव, एजुकेशन कॉन्क्लेव’ जैसे तमाम कदम उठाए हैं। यह बेहद हर्ष की बात है कि नीति के कार्यान्वयन हेतु विभिन्न संस्थान, राज्य, केंद्र शासित प्रदेश अपने-अपने स्तर पर टास्क फोर्स का गठन कर रहे हैं तथा नीति को सफल बनाने के लिए प्रभावी कदम बढ़ा चुके हैं।” (आईएएनएस)

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