दिल्ली का बजट बेमानी है : प्रवीन खंडेलवाल

कैट के अनुसार दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा प्रस्तुत दिल्ली बजट दिल्ली के व्यापारियों के लिए एक निराशाजनक दस्तावेज है। राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बजट पर कहा की, "दिल्ली का बजट बेमानी है।

दिल्ली की आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi party) (आप) सरकार ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2021- 22 के लिए देशभक्ति की विचारधारा से पूरिपूर्ण 69,000 करोड़ रुपये का प्रस्तावित बजट (Budget) पेश किया। कैट के अनुसार दिल्ली (Delhi) के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish sisodia) द्वारा प्रस्तुत दिल्ली बजट (Delhi Budget) दिल्ली के व्यापारियों के लिए एक निराशाजनक दस्तावेज है। क्योंकि दिल्ली के बजट में व्यापार और वाणिज्य के लिए एक भी शब्द नहीं बोला गया है। कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल (Parveen khandelwal) ने बजट पर कहा की, “दिल्ली का बजट बेमानी है। यह व्यापारिक समुदाय के लिए मुख्यमंत्री केजरीवाल (Kejriwal) के नकारात्मक रवैये को दर्शाता है। दिल्ली के बजट की कड़ी निंदा करते हैं।”

खंडेलवाल ने कहा कि, “यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे समय में जब दिल्ली (Delhi) का व्यापार बड़े वित्तीय दबाव में है और कोविड महामारी (Pandemic) के प्रतिकूल प्रभाव से उबरने की कोशिश कर रहा है, दिल्ली सरकार ने बजट में दिल्ली में व्यापार के विकास के लिए कोई निधि आवंटित नहीं की है।”

“दिल्ली बजट” व्यापारियों के लिए एक निराशाजनक दस्तावेज है। (सांकेतिक चित्र , Unsplash)

“अफसोस है की दिल्ली सरकार ने उन व्यापारियों की ओर ध्यान ही नहीं दिया जो वर्तमान में कोविड (COVID-19) के कारण से बड़े वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं। यह भी आश्चर्यजनक है कि बजट में व्यापारिक समुदाय के लिए एक भी योजना की घोषणा नहीं की गई है और न ही दिल्ली में व्यापार और वाणिज्य को सुव्यवस्थित करने के लिए किसी नीतिगत उपाय की घोषणा की गई है।”

“दिल्ली में साइबर हब (Cyber Hub) स्थापित करने की कोई योजना घोषित नहीं की गई है, जबकि दिल्ली का राजस्व पड़ोसी शहरों गुड़गांव और नोएडा में स्थानांतरित हो रहा है।”

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कैट ने कहा कि, “देश में व्यापार का सबसे बड़ा वितरण केंद्र है और दिल्ली का राजस्व व्यापार पर काफी हद तक निर्भर है, ऐसी उम्मीद थी कि केजरीवाल (Kejriwal) सरकार व्यापार के लिए कुछ करेगी लेकिन दुर्भाग्य से दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने इस ओर बजट में कोई ध्यान ही नहीं दिया है।” (आईएएनएस-SM)

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