सम्पूर्ण विश्व एक महामारी से लड़ रहा है, जिस वजह से नकारात्मकता भी अपने जड़ को मजबूत कर रहा है। किन्तु इस कठिन समय में यदि हृदय, नकारात्मक सोच की ओर आकर्षित होगा तो वह हमारे परिवार और समाज दोनों पर बुरा प्रभाव डालेगा। यह नकारात्मकता हमारे स्वास्थ्य एवं विश्वास को भी चूर-चूर कर देगा।
महात्मा बुद्ध वह सन्यासी थे जिन्होंने सम्पूर्ण विश्व को सद्गुण व सद्भाव का पाठ पढ़ाया था। महात्मा बुद्ध ही वह सन्यासी थे जिन्होंने बौद्ध धर्म की स्थापना की और अहिंसा, सत्य और जीवन के गूढ़ रहस्यों को जन-जन तक पहुंचाया। आज बुद्ध पूर्णिमा त्योहार है और हम इस पावन अवसर पर महात्मा बुद्ध द्वारा बताए गए पाठ में से महत्वपूर्ण दस के विषय में पढ़ेंगे, जिनसे हमें इस कठिन समय में नई ऊर्जा मिलेगी:
1. सभी बातों विश्वास न करें, चाहे आपने इसे कहीं पढ़ा हो, या किसी ने कहा हो , चाहे मैंने ही इसे कहा हो, वह भी तब तक जब तक कि यह बात आपके अपने तर्क और आपके अपने समझदारी से सहमत न हो।
2. सभी को यह त्रिगुण सत्य सिखाएं: उदार हृदय, दयालु भाषा, और सेवा भाव और करुणा का जीवन। ऐसी ज्ञान ही है जो मानवता को नवीनीकृत करती है।
3. जब तक क्रोध के विचार मन में संजोए रहेंगे, तब तक क्रोध कभी नहीं मिटेगा। जैसे ही आक्रोश के विचारों को भुला दिया जाता है, वैसे ही क्रोध गायब हो जाएगा।
4. जीवन में हर स्थिति अस्थायी होती है। इसलिए जब जीवन अच्छा हो, तो सुनिश्चित करें कि आप इसका आनंद लें और इसे पूरी तरह से प्राप्त करें। और जब जीवन इतना अच्छा नहीं हो, तो याद रखें कि यह हमेशा के लिए नहीं रहेगा और अच्छे दिन आने वाले हैं।
5. जैसे एक ठोस चट्टान हवा से हिलती नहीं है, वैसे ही बुद्धिमान लोग प्रशंसा या दोष से नहीं हिलते।
6. एक आदमी को बुद्धिमान नहीं कहा जाता है क्योंकि वह फिर से बोलता है और बोलता है, लेकिन अगर वह शांतिपूर्ण, प्रेमपूर्ण और निडर है तो वह वास्तव में बुद्धिमान कहलाता है।
7. हम अपने विचारों से रूप लेते हैं, और हम वही बनते हैं जो हम सोचते हैं। जब मन शुद्ध होता है, तो आनंद एक परछाई की तरह होती है जो कभी हमारा साथ नहीं छोड़ती।
8. जीवन से आप जो सबसे अच्छा सबक सीख सकते हैं, उनमें से एक है शांत रहने के तरीके में महारत हासिल करना।
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9. मन और शरीर दोनों के लिए स्वास्थ्य का रहस्य अतीत के लिए शोक करना, भविष्य की चिंता करना या मुसीबतों का पूर्वानुमान लगाना नहीं है, बल्कि वर्तमान क्षण में बुद्धिमानी और ईमानदारी से जीना है।
10. कभी इस बात से मत डरो कि तुम्हारा क्या होगा, किसी पर निर्भर न रहो। जिस क्षण आप सभी सहायता को अस्वीकार कर देते हैं, उसी क्षण आप मुक्त हो जाते हैं।
यदि एक व्यक्ति इन सभी बातों को ध्यान में रखकर जीवन व्यतीत करता है, तो यह मुश्किल समय भी सुख के साथ बीत जाएगा। हमें महात्मा बुद्ध ने कुछ ऐसे तथ्यों के विषय मे ज्ञान दिया जिन्हें न केवल इस कठिन समय में ध्यान रखना चाहिए, बल्कि पूरे जीवन काल में ध्यान रखने से कई कठिनाइयों को सरलतापूर्वक आगे बढ़ सकते हैं।