दरअसल पेप्सिको ने मथुरा में आलू के चिप्स के उत्पादन के लिए 814 करोड़ रुपये की प्रोजेक्ट की घोषणा की है। यूनिट की स्थापना जिले के कोसी क्षेत्र में की जाएगी और साल 2021 के मध्य तक कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा।
मथुरा जिले के कोसी क्षेत्र में प्लांट की स्थापना 35 एकड़ भूमि पर की जा रही है। जमीन यूपी राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीएसआईडीए) द्वारा उपलब्ध कराई गई है।
कंपनी स्थानीय स्रोतों से आलू, उसके कच्चे माल एकत्र करेगी, जिससे स्थानीय किसानों को मदद मिलेगी। तैयार होने के बाद प्लांट करीब 1,500 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करेगा।
उप्र के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने कहा कि यह प्रोजेक्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उद्योग समर्थक नीतियों का प्रतिफल है।
उन्होंने आगे कहा, “ऐसी नीतियां, जिनके तहत सरकार ने व्यापार करने में आसानी के लिए व्यावसायिक सुधार किए हैं, उनसे उप्र निवेश के लिए एक अत्यधिक आकर्षक राज्य बना है। इसका परिणाम यह है कि पेप्सिको जैसी कई कंपनियों ने उप्र सरकार में विश्वास दिखाया है और राज्य में निवेश को लेकर वे आशावादी हैं।”
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पेप्सिको इंडिया के अध्यक्ष अहमद अल शेख ने कहा कि, शुरुआत में इस परियोजना में 500 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई गई थी, जिसके लिए कंपनी ने 2018 इन्वेस्टर्स समिट के दौरान यूपी सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि, इसे संशोधित कर 814 करोड़ रुपये कर दिया गया।
इंफ्रास्ट्रक्च र एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कमिश्नर आलोक टंडन ने कहा कि जुलाई 2019 में आयोजित भूमिपूजन समारोह के साथ प्रोजेक्ट शुरू हुआ।
उन्होंने कहा, सरकार ने एमओयू ट्रैकिंग, भूमि आवंटन और श्रम संबंधी सुधारों की एक व्यापक कवायद शुरू की है, क्योंकि उप्र में एक पारदर्शी निवेश प्रणाली स्थापित की जा रही है।
साल 1990 के बाद से पेप्सिको फ्रेंचाइजी के माध्यम से उप्र में काबोर्नेटेड शीतल पेय पदार्थ और गैर-काबोर्नेटेड पेय पदार्थ का उत्पादन किया जा रहा है।
ये यूनिट ग्रेटर नोएडा, कोसी, सथरिया-जौनपुर, कानपुर देहात और हरदोई में स्थापित हैं। यह पहली बार है जब कंपनी यूपी में ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट स्थापित कर रही है। (आईएएनएस)