ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने राष्ट्रीय दिवस के मौके पर शनिवार को बीजिंग को भेजे गए अपने सख्त संदेश में कहा कि लोकतंत्र के खिलाफ चीन की आक्रामकता के खिलाफ क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ऑर्डर स्थापित करने में ताइवान सक्रिय भूमिका निभाएगा। संयोग से ताइवान को देशभर से भारतीयों को व्यापक समर्थन मिला। चीन की चेतावनी के बावजूद भारतीयों ने ताइवान के राष्ट्रपति और अधिकारियों को उसके 109वें राष्ट्रीय दिवस पर बधाई दी।
चीन के दूतावास ने सात अक्टूबर को भारत को एक धमकी भरा पत्र लिखा था। इसमें भारतीय मीडिया को चेताया था कि वे ताइवान को अलग से देश न कहें और न ही त्साई को ताइवान का राष्ट्रपति बताएं।
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इस पर नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को चीन से कहा कि भारतीय मीडिया स्वतंत्र है और इसे जो उचित दिखता है, वह वही करता है।
शनिवार को अपने राष्ट्रीय दिवस संबोधन में राष्ट्रपति त्साई ने कहा, “हमारी संप्रभुता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता नहीं बदलेगी, लेकिन हम रणनीतिक लचीलेपन को भी बनाए रखेंगे और परिवर्तनों के प्रति उत्तरदायी होंगे। परिस्थितियों में बदलाव के साथ, अग्रिम तैयारी नियंत्रण का एकमात्र तरीका है।”
उन्होंने कहा, “हम पूरे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में साझा मूल्यों और मैत्रीपूर्ण संबंधों के आधार पर गठजोड़ कायम करेंगे और समान विचारधारा वाले एवं मैत्रीपूर्ण राष्ट्रों के साथ साझेदारी को बढ़ाते रहेंगे। हम क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बहुपक्षीय सहयोग और संवादों में भी अधिक सक्रिय रूप से भाग लेंगे।”
क्षेत्र में चीन गणराज्य (ताइवान) का सबसे महत्वपूर्ण मूल्य शांति को बनाए रखना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
उन्होंने कहा, “हम अच्छी ताकतों के लिए एक एडवोकेट बनना चाहते हैं और हम प्रगतिशील एवं अच्छे विश्वास मूल्यों को पूरी दुनिया के साथ साझा करते हैं।”
शी जिनपिंग के नाम का उल्लेख किए बिना, राष्ट्रपति त्साई ने कहा, “क्षेत्र और दुनिया भर के देशों को अब चीन के विस्तार के बारे में चिंता है।”
त्साई ने कहा, “मेरा मानना है कि क्षेत्रीय तनाव निश्चित रूप से हल किया जा सकता है।”
उन्होंने कहा कि क्रॉस-स्ट्रेट संबंधों में स्थिरता बनाए रखना दोनों पक्षों के हित में है।
ताइवान के राष्ट्रपति ने कहा, “हम क्रॉस-स्ट्रेट स्थिरता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन यह कुछ ऐसा नहीं है जिसे ताइवान अकेले अपने कंधे पर उठाए; यह दोनों पक्षों की संयुक्त जिम्मेदारी है।”
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उन्होंने कहा कि इस स्तर पर सबसे महत्वपूर्ण क्रॉस-स्ट्रेट मुद्दे के तहत इस पर चर्चा करना है कि हम आपसी सम्मान, सद्भावना और समझ के आधार पर शांति और सह-अस्तित्व में कैसे रह सकते हैं।(आईएएनएस)