कोरोना के दौर में भी अब स्कूलों में सुरक्षित होंगे बच्चे !

कोरोना महामारी के कारण 16 मार्च से देश भर के स्कूल बंद हैं। वहीं अब स्कूल खुलने की उम्मीद बढ़ती जा रही है। जिसको लेकर स्कूल प्रशासन तैयारियां करने में जुट गया है।

स्कूल School Guidelines Ministry of Education शिक्षा मंत्रालय
शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों को क्रमिक तरीके से खोलने के लिए गाइडलाइन जारी किये हैं। (Pixabay)

कोविड 19 की वजह से पिछले करीब 8 महीने से स्कूल बंद हैं। वहीं अब स्कूल खुलने की उम्मीद बढ़ती जा रही है।

दरअसल शिक्षा मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी करके राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को यह निर्देश दिया है कि वे अपने प्रदेश की स्थिति देखते हुए स्वास्थ्य, स्वच्छता और सुरक्षा के लिए व्यवस्था करने का काम करें। साथ ही स्कूल क्रमबद्ध तरीके से ऐसी व्यवस्था करें ताकी विद्यार्थी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ स्कूल में क्लास कर सकें।

कोविड 19 और की वजह से स्कूलों में कुछ बदलाव किए जा रहे हैं, जिससे कि बच्चों को इस बीमारी से दूर रखा जा सके। दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मॉडर्न पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल अल्का कपूर ने आईएएनएस को बताया, “स्कूल के गेट्स पर बच्चों के जूते सैनिटाइज, सोशल डिस्टेंसिंग के लिए निशान, वाटर टैप टच लेस और तापमान नापने के लिए स्कैनर लगाए हैं।”

“स्कूल में 2 क्लास को आइसोलेशन रूम में कन्वर्ट किया है। यदि किसी बच्चे में लक्षण पाये जाएं तो उसे उस कमरे में बिठाया जाएगा। साथ ही क्लास में उपस्थित बच्चे और ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे बच्चे एक साथ पढ़ाई कर सकें, इसलिए वैबकैम लगाए गए हैं।”

स्कूल School Guidelines Ministry of Education शिक्षा मंत्रालय
माता-पिता की लिखित सहमति से ही बच्चों को स्कूल बुलाया जायेगा। (Pixabay)

हालांकि स्कूलों की तरफ से किये गए सर्वे के अनुसार मात्र 15 फीसदी माता पिता बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं। वहीं राज्य सरकार की गाइडलाइंस आने के बाद एक बार फिर स्कूलों की तरफ से सर्वे कराया जाएगा।

मौजूदा स्थिति को देखते हुए फिलहाल शुरूआती दिनों में बच्चों को ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा नहीं दी जा सकेगी। इसके पीछे स्कूल प्रशासन का कहना है कि काफी वक्त से सारी बसें खड़ी हुई हैं, जिनकी सर्विस होना बाकी है, वहीं शुरूआती दौर में बच्चों के भी कम आने की उम्मीद है।

यह भी पढ़ें – जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं

दिल्ली इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल प्रियंका बरारा ने आईएएनएस को बताया, “स्कूल प्रशासन द्वारा सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार ही प्रिकॉशन लिए जाएंगे। वहीं स्कूल में स्वास्थ्य सम्बंधित लोग भी मौजूद रहेंगे, जो कि स्कूल स्टाफ और बच्चों को देखेंगे। वहीं हम सभी बच्चों के माता पिता के संपर्क में हैं, उनकी इजाजत के बाद ही बच्चों को स्कूल में आने की अनुमति होगी।”

दरअसल 15 अक्टूबर से स्कूलों को क्रमिक तरीके से खोलने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी किये थे। इसके अनुसार तीन सप्ताह तक बच्चों का कोई मूल्यांकन नहीं होगा। वहीं माता-पिता की लिखित सहमति से ही बच्चों को स्कूल बुलाया जायेगा। साथ ही स्कूल परिसर को पूरी तरह साफ-सुथरा व संक्रमणमुक्त रखना होगा।

स्कूलों को छात्रों के मेंटल हेल्थ और इमोशनल सेफ्टी पर भी ध्यान देना होगा। छात्र चाहें, तो स्कूल आने के बजाय ऑनलाइन कक्षाएं भी कर सकते हैं। कोरोना की स्थानीय स्थिति को देखते हुए राज्य अलग से मानक तैयार कर सकते हैं। हालांकि कोरोना महामारी के कारण 16 मार्च से देश भर के स्कूल बंद हैं। (आईएएनएस)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here