हंदवाड़ा में शहीद होने वाले जवानों पर भी लोग भद्दी टिप्पणियाँ करने से नहीं आ रहे बाज़

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भारतीय सेना बल (Image Source: VOA)

कश्मीर के हंदवाड़ा में बीते शनिवार आतंकियों से 8 घंटे चली मुठभेड़ मे कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, सब इंस्पेक्टर सबीर अहमद काज़ी, लांसनायक राजेश कुमार और लांसनायक दिनेश सिंह शहीद हो गए। जानकारी के मुताबिक रविवार सुबह हमारे सेना ने भी जवाबी कार्यवाही की जिसमे एक आतंकी मारा गया। इस घटना को 48 घंटे भी नहीं बीते थे की हंदवाड़ा इलाके मे स्थित काजियाबाद से एक और आतंकी हमले की खबर आई जिसमे सीआरपीएफ़ के संतोष मिश्रा, चन्द्र शेखर, और अश्विनी कुमार यादव को अपने जान की कीमत चुकानी पड़ी।

आतंकियों के खिलाफ जवाबी कार्यवाही मे एक व्यक्ति के मरने की भी खबर है। हालांकि ये अभी तक पुख्ता नहीं हुआ है की मरने वाले व्यक्ति का संबंध उन आतंकियों से था या नहीं। इलाके के सूत्रों के मुताबिक मरने वाले व्यक्ति का नाम हाज़िम भट था, जो की काज़ियाबाद के खाइपोरा का रहने वाला था। हाज़िम भट अगर आम नागरिक है तो उसकी मौत की घटना बेहद ही दुखद है।

आतंवाद से लड़ रही हमारी सेना ने बीते 48 घंटे में अपने कई जाबाज़ सिपाहियों को गांवया है। बीते तीन दिनों से लगातार जवानों के शहीद होने की आ रही खबरों ने एक तरफ पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। तो वहीं, दूसरी तरफ सेना और आतंकियों के मुठभेड़ में हुई हाज़िम भट की मौत पर कुछ लोग लगातार सेना के खिलाफ भद्दी टिपन्नियां करने पर उतारू हो गए हैं।

शहीदों की मौत पर एक आंसू भी ना बहाने वाले अचानक इस घटना के बाद सेना को बदनाम करने पर तुल गए हैं। ऐसे लोगों को हाज़िम भट की मौत तो दिख रही है लेकिन शहीद होने वाले उन जवानों का परिवार नहीं दिख रहा।

आतंक के खिलाफ जंग लड़ रहे इन जवानों पर भद्दी टिपण्णी, आतंक का समर्थन है। ऐसे लोग की हरकत सेना और देश के लोगों का मनोबल कमज़ोर करती हैं। सरकार को इन पर जल्द से जल्द सख्त कार्यवाही करनी चहिये।

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