योगेंद्र यादव के झूठे आरोप की खुली पोल तो माफी माँगने पर हुए मजबूर

शायद, सरकार पर निशाना साधने की जल्दी में योगेंद यादव आदेश पत्र को पूरा पढ़ना भूल गए होंगे।

0
541
yogendra yadav swaraj
Yogendra Yadav (Source: Twitter)

स्वराज इंडिया के अध्यक्ष और तथाकथित राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव फिर से झूठ के बल पर सरकार को निशाना बनाने की कोशिश में थे, लेकिन भेद खुलने पर उन्हें माफी मांगने पर मजबूर होना पड़ा।

दरअसल 4 मई को एक ट्वीट कर योगेंद्र यादव ने सरकार पर इल्ज़ाम लगाया था की, “जहाँ मजदूरों के लिए ट्रेन की मुफ्त सेवा शुरू करनी चाहिए थी, वही सरकार ने चुपचाप अपने सांसदीय भत्ता को बढ़ा कर 49000 कर दिया है।” योगेंद्र यादव ने ट्वीट के साथ एक आर्डर की कॉपी भी साझा की थी।

योगेंद्र यादव के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

इस ट्वीट के बाद लोगों ने इस आर्डर की पोल खोलनी शुरू की तो सारा का सारा सच बाहर आ गया, जिसके बाद योगेंद्र यादव को इसे हटाने पर मजबूर होना पड़ा। दरअसल, सरकार ने नए आदेश में सांसदीय भत्ता की रकम 49000 तो तय की है, लेकिन इसे बढ़ाया नहीं बल्कि घटाया गया है।

आपको बता दें की इस आदेश से पहले सांसदों को 70,000 रुपये का मासिक भत्ता दिया जाता था, जिसे अब घटा कर 49000 कर दिया गया है।

शायद, सरकार पर निशाना साधने की जल्दी में योगेंद यादव आदेश पत्र को पूरा पढ़ना भूल गए होंगे। हालांकि, झूठ सामने आने के बाद, उन्होंने अपनी पुरानी ट्वीट डिलीट कर आज माफी मांग ली है, और साथ ही साथ उन्होंने सरकार के इस निर्णय की प्रशंसा भी की है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here