कहा जाता है नाम में क्या रखा है लेकिन जब माता-पिता द्वारा अपने बच्चों का नाम कुछ असामान्य सा रखा जाता है, तो बच्चे खुद ब खुद मशहूर हो जाते हैं। रविवार 13 जून को सेलम के कट्टूर में अमानी कोंडलमपट्टी क्षेत्र में ममता बनर्जी के साथ समाजवाद की शादी होने वाली है।
दूल्हा ए.एम. ‘ समाजवाद’ हैं जो के.ए. मोहन के बेटे हैं। मोहन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के एक नेता हैं और एक कट्टर कम्युनिस्ट पार्टी से ताल्लुक रखते हैं। दुल्हन एक कांग्रेसी परिवार से है और के. पलानीस्वामी और पी.नीलमबल की बेटी हैं। ‘साम्यवाद’ और ‘लेनिनवाद’ समाजवाद के भाई हैं और उनके भतीजे ‘मार्क्सवाद’ हैं। दूल्हे के परिवार और दुल्हन के परिवार दोनों का आपस में गहरा संबंध है।
भाकपा के विल्लुपुरम जिला सचिव 52 वर्षीय मोहन साल 2016 में विधानसभा चुनाव पीपुल्स वेलफेयर एलायंस के उम्मीदवार के रूप में लड़ चुके हैं। मोहन ने आईएएनएस को फोन पर बताया, “1991 में जब सोवियत संघ टूट गया और खबरें प्रकाशित हुईं कि साम्यवाद खत्म हो चुका है, उस दौरान अपनी शादी से पहले ही मैंने सोच लिया था कि मैं अपने बच्चों का नाम ऐसे रखूंगा, जो इस विचारधारा को दर्शाता हो। इस तरह से मैंने अपने बच्चों का नाम साम्यवाद, समाजवाद और लेनिनवाद रखा और मार्क्सवाद मेरा पोता है।”
समाजवाद ने इसकी खामियों पर बात करते हुए आईएएनएस से कहा, “स्कूल के दिनों में मेरे और मेरे भाइयों के लिए इस नाम का होना इतना भी अच्छा नहीं था। हमें अपने गांव में काफी आलोचनाओं और अपमान का सामना करना पड़ा। लेकिन जब हम कॉलेज में पहुंचे, तब चीजें बदल गईं और सबका ध्यान हम पर आ गया।”
यह भी पढ़ें: किताबें देने की दीवानगी ऐसी कि प्रतिदिन 4 किमी पैदल चलती हैं 64 वर्ष की राधामणी
पेशे से समाजवाद और लेनिनवाद पायल और चांदी के गहनों के व्यापार में शामिल हैं, जबकि साम्यवाद एक वकील हैं। समाजवाद कहते हैं, “मुझे इस बात की खुशी है कि मेरी पत्नी का नाम भी बेहद अनोखा है। उसका नाम पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नाम पर है। उसके माता-पिता कांग्रेस समर्थक हैं और इसलिए उन्होंने अपनी बेटी का नाम ममता बनर्जी रखा, जो एक तेजतर्रार नेता थीं और अब भी हैं। तृणमूल कांग्रेस बनाने से पहले वह कांग्रेस पार्टी के ही साथ थीं।”
सीपीआई तमिलनाडु के राज्य सचिव आर. मुथारासन और उप सचिव के. सुब्बारायन इस शादी में शामिल होने वाले हैं।(आईएएनएस-SHM)