युवा दे रहे हैं ‘मिशन रोजगार’ को नई धार

उत्तर प्रदेश के युवा ‘मिशन रोजगार’ को धार देने में लगातार लगे हुए हैं। राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए युवा नई सोच के साथ उत्साहपूर्वक नए अवसरों को तलाश कर उस पर काम कर रहे हैं और दूसरे लोगों को भी रोजगार दिला कर उनके कदमों को विकास के पथ पर बढ़ा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के युवा ‘मिशन रोजगार’ को धार देने में लगातार लगे हुए हैं। राज्य को आत्मनिर्भर बनाने के लिए युवा नई सोच के साथ उत्साहपूर्वक नए अवसरों को तलाश कर उस पर काम कर रहे हैं और दूसरे लोगों को भी रोजगार दिला कर उनके कदमों को विकास के पथ पर बढ़ा रहे हैं। प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ऐशबाग के अश्विनी द्विवेदी पिछले दो सालों से पारंपरिक खेती के तौर तरीकों से अलग साल 2018 से मशरूम की खेती वृहद स्तर पर करने के साथ विभिन्न प्रजाति के मशरूमों के उत्पादन पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मशरूम की खेती के काम को शुरू करने से पहले मैंने साल 2017 में विशेषज्ञों से ट्रेनिंग ली। जिसके बाद सबसे पहले मैंने अपने दोस्त वागेश मिश्रा के साथ प्रयागराज में मशरूम की खेती शुरू की। पहली बार महज 45 दिन में हम लोगों ने 400 पैकट तैयार किए। इनमें 800 किलो मशरूम हम लोगों द्वारा तैयार किए गए थे।

मशरूम की खेती करने वाले अश्विनी ने बताया कि वो लखनऊ के राम कृष्णमठ में छोटी सी जगह में मिल्की मशरूम, शटाके समेत आठ किस्म के मशरूम को उगाने का काम कर रहे हैं। प्रतिमाह अब सात क्विटंल मशरूम उनकी टीम द्वारा उगाए जाते हैं जिससे लगभग चार लाख रुपए प्रतिमाह की आय अर्जित कर रहे हैं।

युवा दे रहे हैं ‘मिशन रोजगार’ को नई धार
महिलाओं और जरूरतमंदों को निःशुल्क दे रहे हैं खेती की ट्रेनिंग।(Pixabay)

महिलाओं को आत्मनिर्भर और जरूरतमंद किसानों की मदद करने के उद्देश्य से वो निशुल्क तौर पर उन्हें मशरूम की खेती करने की ट्रेनिंग दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि हम लोग कम पूंजी और कम संसाधनों में ज्यादा मुनाफा कमाने के गुर को किसानों, युवाओं और महिलाओं के साथ साझा कर रहे हैं। जिससे प्रेरित होकर अब तक यूपी के लगभग 5,000 लोग पारंपरिक खेती के बजाय मशरूम खेती की जरिए मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं। इसके साथ ही अब हम अपनी टीम द्वारा अलग अलग प्रजातियों के मशरूम के बीजों का वितरण भी किसानों में कर रहे हैं। मेडिसिन मशरूम, शटाके, मिल्की मशरूम समेत आठ प्रजाति के सात क्विटंल मशरूमों से प्रति माह उनको अब तीन से चार लाख आय हो रही है।

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उन्होंने बताया कि यूपी में मशरूम की खेती को बढ़ावा देने व लोगों को रोजगार की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए वो फरवरी से मशरूम के विभिन्न उत्पादों को बाजार में लाएंगे। जिसमें मशरूम के अचार, चटनी, पाउडर, डार्क और लाइट चॉकलेट, पापड़ समेत दूसरे अन्य उत्पाद शामिल होंगे।(आईएएनएस)

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