वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश किया। इस पर फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल (फैम) ने प्रितकिया देते हुए कहा गया है कि, “यह बजट मध्यम वर्गीय जनता, जिसमे खुदरा व्यापारी भी शामिल हैं, के लिए निराशा वाला बजट है।” फैम के अनुसार, 13 विनिर्माण क्षेत्रों में अगले पांच सालों में 1.97 लाख करोड़ का उत्पादन प्रोत्साहन देने की घोषणा की है। सरकार संगठित क्षेत्र को प्रोत्साहन देकर रोजगार बढ़ाना चाहती है। सरकार यह भूल रही है कि असंगठित क्षेत्र 90 फीसदी रोजगार देता है, जबकि संगठित क्षेत्र मात्र 10 फीसदी रोजगार के अवसर पैदा करता है। दुर्भाग्य से सरकार ने 90 फीसदी वर्ग के विषय में बजट में कोई प्रावधान नहीं किया।
फैम ने कहा, “बजट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिससे उपभोक्ता के हाथों में क्रय शक्ति की वृद्धि हो। इंफ्रास्ट्रक्चर के बढ़ने से कॉरपोरेट एवं कृषि क्षेत्र को लाभ मिलेगा। व्यापारियों को ना तो कोई कर छूट मिली है न बैंक के ब्याज में कोई छूट दी गयी है।”
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“जीएसटी इनपुट टैक्स क्रेडिट में अब बहुत ज्यादा वर्किं ग कैपिटल के ब्लॉक होने की सम्भावना है क्योंकि विक्रेता द्वारा जीएसटीआर 1 दाखिल करने पर ही अब इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा। आयकर के कुछ प्रावधान कारोबारी सुगमता प्रदान करेंगी, अन्यथा कर में व्यापारियों को कोई लाभ नहीं है।”
“आगामी 6 वर्षों में 64,180 करोड़ के खर्चे से आत्म निर्भर स्वास्थ्य योजना में व्यापारियों को भी समुचित लाभ मिलना सुनिश्चित होना चाहिए। कुल मिलकर यह बजट मध्यम वर्गीय जनता, जिसमे खुदरा व्यापारी भी शामिल हैं, के लिए निराशा वाला बजट है।”(आईएएनएस)