आजादी का बलिवेदी पर, मंगल पांडे बलिदान भइल..

आज शहीद स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे की 194वीं जयंती है। मंगल पांडे पराधीन भारत की आजादी के वह जननायक थे जिनके एक नारे ने स्वतंत्रता के संग्राम को नई ऊर्जा दिया था।

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Mangal Pandey, History of mangal Pandey tweets on mangal pandey
(NewsGram Hindi, साभार: Wikimedia Commons)

आज शहीद स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे(Mangal Pandey) की 194वीं जयंती है। मंगल पांडे(Mangal Pandey) पराधीन भारत की आजादी के वह जननायक थे जिनके एक नारे ने स्वतंत्रता के संग्राम को नई ऊर्जा दिया था। मंगल पांडे(Mangal Pandey) को स्वतंत्रता का जनक भी कहा जाता है जिनके नक्शे-कदम पर चलकर शहीद भगत सिंह, आजाद जैसे वीरों ने स्वतंत्रता के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। मंगल पांडे(Mangal Pandey) उन वीरों में से थे जिनके लिए धर्म एवं स्वाभिमान भी बड़ा था और राष्ट्र की स्वतंत्रता भी।

मंगल पांडे!

शहीद मंगल पांडे 19 जुलाई, 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवा गांव में जन्में थे। मंगल पांडे(Mangal Pandey) क्रांतिकारी के रूप में उभरने से पूर्व कलकत्ता (कोलकाता) के पास बैरकपुर की सैनिक छावनी में “34वीं बंगाल नेटिव इन्फैंट्री” के सिपाही थे। अंग्रेजों ने भारतीय सिपाहियों को भी बहुत प्रताड़ित किया था। मंगल पांडे के साथ-साथ अन्य सैनिकों ने भी इन प्रताड़नाओं को सहा, किन्तु पानी सर से तब ऊपर चला गया जब भारतीय सैनिकों को सूअर और गाय की चर्भी लगे बारूद वाली बंदूक दी गईं। मंगल ब्राह्मण थे जिस वजह से उन्होंने अपने साथी सिपाहियों के साथ इसकी शिकायत बड़े अधिकारीयों से की। किन्तु इस मामले पर सुनवाई न होता देख उनमें प्रतिशोध की भावना उमड़ पड़ी।

मंगल पांडे(Mangal Pandey) ने अंग्रेजों के खिलाफ बैरकपुर में बिगुल फूंक दिया, जिसकी गूंज पूरे उत्तर-भारत सुनाई देने लगी। कई इतिहासकारों का मानना है कि विद्रोह की आग इतनी तेजी से फैली थी कि अंग्रेजन द्वारा मंगल पांडे को फांसी 18 अप्रैल को देना था लेकिन विद्रोह तेज होने के भय के कारण उन्हें 10 दिन पहले 8 अप्रैल को ही दे दिया। किन्तु जब यह वीर शहीद हुए, तभी से भारत में अंग्रेजों के पतन की उलटी गिनती शुरू हो गई थी।

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कई नेताओं ने मंगल पांडेय को श्रद्धांजलि दी!

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडे को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा “बर्बर अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध 1857 में क्रांति का बिगुल फूंक अपने बलिदान से राष्ट्र को जागृत करने वाले माँ भारती के अमर सपूत मंगल पांडे की जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि।”

असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सर्मा ने ट्वीट करते हुए लिखा “अंग्रेजी शासन के खिलाफ 1857 में क्रांति का बिगुल फूंक कर देशवासियों में स्वाधीनता की भावना जागृत करने वाले महान क्रांतिकारी, अदम्य साहस एवं वीरता के प्रतीक, अमर शहीद मंगल पांडे जी की जयंती पर कोटिश: नमन। आपकी शहादत राष्ट्रभक्तों को सदैव प्रेरित करती रहेगी।”

भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने ट्वीट कर लिखा “प्रथम स्वतंत्रता संग्राम 1857 की क्रांति के अग्रदूत, माँ भारती के वीर सपूत, अमर शहीद महान क्रांतिकारी #मंगलपांडे जी की जयंती पर उन्हें शत्-शत् नमन। देश में पराधीनता के विरुद्ध संघर्ष में, आपका सर्वोच्च बलिदान युगों-युगों तक आने वाली पीढ़ियों को देश सेवा के लिए प्रेरणा देगा।”

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