दिल्ली कोरोना से ठप, केजरीवाल विज्ञापन में मस्त!

एक आरटीआई से से यह ज्ञात हुआ कि दिल्ली सरकार ने केवल तीन महीने में यानि जनवरी से मार्च के बीच कई माध्यमों पर विज्ञापनों पर 150 करोड़ रुपए खर्च किए।

corona delhi death count crores on advertisement
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल।(Wikimedia Colmmons)

दिल्ली में कोरोना महामारी दिन ब दिन विकराल रूप ले रही है, जिस वजह से दिल्ली सरकार लॉकडाउन पर लॉकडाउन लगाने के लिए त्रस्त है। किन्तु इन सबके बीच भी दिल्ली की झुझारू सरकार विज्ञापनों में कोई कमी नहीं रहने देना चाहती है। एक आरटीआई से यह ज्ञात हुआ कि दिल्ली सरकार ने केवल तीन महीने में यानि जनवरी से मार्च के बीच कई माध्यमों से विज्ञापनों पर 150 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।

ट्विटर यूजर अलोक भट्ट ने ट्विटर पर आरटीआई की फोटो साझा करते हुए इस बात का सबूत भी दिया है। साथ ही इस आरटीआई का जवाब 8 अप्रेल 2021 को दिया गया था, जिसमे यह साफ-साफ दिख रहा है कि दिल्ली सरकार ने मात्र तीन महीने में विज्ञापनों पर 150 करोड़ रुपए खर्च किए हैं।

पीएम केयर फंड में भी घपला…

एक तरफ जहाँ यह आरटीआई सामने आई है दूसरी तरफ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 20 अप्रेल को दिल्ली उच्च न्यायालय को यह जानकारी दी थी कि केंद्र सरकार ने दिसम्बर 2020 में ही दिल्ली की आम आदमी सरकार को आठ ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए फंड आवंटित किए थे। किन्तु, हैरानी की बात यह है कि दिल्ली में अभी 1 ही ऑक्सीजन प्लांट स्थापित हो पाया है। अब सवाल यह है कि बाकि सात के पैसों का क्या हुआ? क्या उन्हें विज्ञापन पर खर्च कर दिया गया? क्योंकि आरटीआई से कुछ ऐसा ही ज्ञात हो रहा है। और साल दर साल आम आदमी पार्टी पानी की तरह विज्ञापनों पर पैसा बहा रही है और यह बढ़ता ही जा रहा है। यहाँ तक कि विज्ञापनों के मामले पर भारत की सर्वोच्च न्यायलय भी दिल्ली सरकार को फटकार लगा चुकी है। मगर किसी बात का असर होता हुआ दिख नहीं रहा है।

यह भी पढ़ें: वेतन के लिए MCD कर रही है त्राहिमाम, केजरीवाल हैं उड़ा रहे विज्ञापनों के जाम!

दूसरों से विनती…

जब केरीवाल का प्रोटोकॉल तोड़ना और ऑक्सीजन प्लांट न लगने पर आम आदमी पार्टी को घेरा जा रहा था उस समय केजरीवाल दूसरे राज्यों से ऑक्सीजन की मांग कर रहे थे।

सवाल यह की यदि सभी राज्यों को दूसरी कोरोना लहर की आशंका थी तो ऑक्सीजन प्लांट को समय पर क्यों नहीं लगाया गया? क्या दिल्ली की झुझारू सरकार ने केवल विज्ञापनों पर ही अपना बखान करने का बीड़ा उठाया है या न्यायालयों से डांट खाने की आदत बना लिया है, क्योंकि जिन ऑक्सीजन प्लांट को जनवरी तक लग जाना चाहिए था उसे इतना समय क्यों लग रहा है? यदि विज्ञापनों के लिए पैसा है तो कर्मचारियों का वेतन और ऑक्सीजन की किल्लत से दील्ली क्यों झूझ रही है?(SHM)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here