WHO: टीके को मिली हरी झंडी का मतलब यह नहीं की बीमारी खत्म!

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह चेतावनी दी कि इस सप्ताह ब्रिटेन में उपयोग के लिए एक वैक्सीन की मंजूरी मिलने का मतलब यह नहीं है कि COVID-19 महामारी खत्म हो गई है।

World Health Organization विश्व स्वस्थ्य संगठन
डब्ल्यू.एच.ओ ने लोगों को चेताया है कि टीका आना यह नहीं बताता कि महामारी खत्म। (Pixabay)

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि इस सप्ताह ब्रिटेन में उपयोग के लिए एक वैक्सीन की मंजूरी मिलने का मतलब यह नहीं है कि COVID-19 महामारी खत्म हो गई है।

जिनेवा में डब्ल्यू.एच.ओ की नियमित ब्रीफिंग के दौरान महानिदेशक टेड्रोस एडहोम घेबियस ने कहा कि दुनिया भर में कई स्थानों पर कोरोनोवायरस की बहुत अधिक दर से फ़ैल रहा है और उसका सामना करना पड़ रहा है, और यहां तक ​​कि टीकों को मंजूरी मिलने के बाद भी लोगों में संक्रमण के फैलने को सीमित करने के लिए राष्ट्रीय और स्थानीय उपायों का पालन करना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि “सरकार द्वारा बनाए गए नियमावली का पालन करने के साथ ही यह महामारी काबू में आ सकती है। साथ ही डब्ल्यू.एच.ओ हेल्थ इमरजेंसी के कार्यकारी निदेशक माइक रयान ने कहा कि टीकों की उपस्थिति का यह मतलब नहीं है कि कोरोना मामले शून्य पर आ जाएंगे। टीके और टीकाकरण इस लड़ाई का अहम हिस्सा है, मगर हमारी खुद की सावधानी भी आवश्यक है।

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रयान ने कहा कि लोगों को अपने व्यक्तिगत व्यवहार और स्वच्छता के प्रबंधन पर काम करना जारी रखना होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें यह भी पहचानने की आवश्यकता होगी कि टीका कुछ समय के लिए सभी के लिए उपलब्ध नहीं होगा।

टेड्रोस से पूछा गया कि क्या वह ऐसा करेंगे, जैसा कि कई विश्व नेताओं ने करने की पेशकश की है, यह दिखाने के लिए वैक्सीन सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि वे करेंगे, लेकिन जब उनकी बारी आएगी, “क्योंकि मैं हर किसी का टीका नहीं लेना चाहता।”(VOA)

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