हम कलाकार के तौर पर स्टीरियोटाइप हो जाते हैं : अरशद वारसी

By : सुगंधा रावल अरशद वारसी का मानना है कि एक अभिनेता के रूप में स्टीरियोटाइप होना आसान है और उससे दूर होना बहुत मुश्किल है। अभिनेता का कहना है कि वह कॉमिक भूमिकाओं में अपनी भारी लोकप्रियता के बावजूद छवि के जाल से बचने में सफल रहे हैं, क्योंकि उनकी गंभीर भूमिकाओं को भी

By : सुगंधा रावल

अरशद वारसी का मानना है कि एक अभिनेता के रूप में स्टीरियोटाइप होना आसान है और उससे दूर होना बहुत मुश्किल है। अभिनेता का कहना है कि वह कॉमिक भूमिकाओं में अपनी भारी लोकप्रियता के बावजूद छवि के जाल से बचने में सफल रहे हैं, क्योंकि उनकी गंभीर भूमिकाओं को भी उतना ही पसंद किया गया।

अरशद ने आईएएनएस को बताया, “यह मुश्किल है (स्टीरियोटाइप को तोड़ना)। हम सभी स्टीरियोटाइप हो जाते हैं, हम सभी किरदार करते हैं, हर अभिनेता करता है। यही है कि आप एक निश्चित भूमिका करते हैं या आप कुछ ऐसा करते हैं जो लोग आनंद लेते हैं, और फिर वैसे ही किरदार आने लगते हैं, क्योंकि आपका वह किरदार बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाने लगता है।”

उन्होंने कहा, “इससे बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। सौभाग्य से मैं पूरी तरह से इससे निकलने में कामयाब रहा, क्योंकि लोगों ने मेरे गंभीर अभिनय के साथ-साथ मेरी कॉमेडी का भी आनंद लिया।” अभिनेता ने आगे कहा, “आमतौर पर, जब कोई कॉमेडी करता है, तो उसकी गंभीर भूमिकाएं बहुत कमाल नहीं कर पातीं, क्योंकि आप उस व्यक्ति के इमेज को मन से बाहर नहीं निकाल पाते हैं।”

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अरशद ने किरदार को अलग-अलग तरीके से पेश करने को लेकर कहा, “मैं चरित्र में इस कदर ढल जाता हूं कि मैं आपको भूलने में मदद करता हूं कि मैं कौन हूं। मैं आपको यह भूलने में मदद करता हूं कि मेरा पिछला किरदार क्या था, और वह मेरे लिए काम करता है।”

पिछले साल उन्होंने मनोवैज्ञानिक थ्रिलर ‘असुर’ के साथ अपना डिजिटल डेब्यू किया। उन्हें फिल्म ‘दुर्गामती : द मिथ’ में एक राजनेता की भूमिका में भी देखा गया। अरशद फिलहाल जैसलमेर में अक्षय कुमार, कृति सैनन और जैकलीन फर्नाडीज के साथ ‘बच्चन पांडे’ की शूटिंग कर रहे हैं। शूट मार्च तक जारी रहेगा। (आईएएनएस)

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