सत्ता के रसूक में हड़पी जमीनों पर सरकार की नकेल

रामपुर जिला प्रशासन द्वारा मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट से जुड़ी 173 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के लिए आदेश जारी किया गया है, जो समाजवादी पार्टी के सांसद मोहम्मद आजम खान के परिवार द्वारा संचालित और उनकी स्वामित्व में है। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) जे.पी. गुप्ता की अदालत ने शनिवार को फैसला सुनाया कि ट्रस्ट

रामपुर जिला प्रशासन द्वारा मौलाना मुहम्मद अली जौहर ट्रस्ट से जुड़ी 173 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के लिए आदेश जारी किया गया है, जो समाजवादी पार्टी के सांसद मोहम्मद आजम खान के परिवार द्वारा संचालित और उनकी स्वामित्व में है। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) जे.पी. गुप्ता की अदालत ने शनिवार को फैसला सुनाया कि ट्रस्ट ने जमीन खरीदते वक्त राज्य सरकार के मानदंडों का उल्लंघन किया है, जिसके चलते उप-विभागीय मजिस्ट्रेट को आदेश दिया गया कि वह जमीन का अधिग्रहण करें।

यह तो हुई एक की बात लेकिन माफिया सरगनाओं और अवैध सम्पत्तियों के खिलाफ करवाई में देश के तीन राज्य फुल एक्शन मोड में दिख रहे हैं। उत्तरप्रदेश, मध्य प्रदेश एवं बिहार। जहाँ आए दिन या तो किसी नेता की अवैध संपत्ति को जब्त करने की खबर मिलती है या फिर उन्हें ध्वस्त करने की।

बहरहाल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले उन अपराधियों और माफियाओं को धमकी भरे लहजे में चेता चुके हैं कि “या तो सुधर जाओ या फिर जमीन के 10 फ़ीट नीचे गाड़ दूंगा।” गौरतलब है कि केवल मध्यप्रदेश में ही लाखों की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। जिसके लिए शिवराज सिंह अपना भी और प्रशासन का पीठ थप-थपा चुके हैं।

सत्ता के रसूक में हड़पी जमीनों पर सरकार की नकेल
कौमी एकता दल पार्टी के नेता मुख़्तार अंसारी के संपत्ति पर भी चला है प्रशासन का डंडा।(Wikimedia Commons)

साल 2020 में उत्तर प्रदेश सरकार ने 758 करोड़ के अवैध रूप से बनाई संपत्ति को जब्त किया या फिर ध्वस्त किया था। साल 2020 में ही कुख्यात गैंगस्टर विकास दूबे को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। जिसके बाद उसकी संपत्ति को भी जब्त कर लिया गया था। आजम खान, मुख़्तार अंसारी जैसे कई नेताओं के अवैध निर्माणों को सरकार चुन-चुन कर जब्त कर रही है। साथ में यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि इस पुरे प्रक्रिया में किसी प्रकार की अड़चन पैदा न हो। जिस वजह से ध्वस्तीकरण और जब्त करने का काम दल-बल की निगरानी में किया जा रहा है।

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उत्तरप्रदेश में पूर्व समजवादी नेता अतीक अहमद की अवैध संपत्ति पर जोरदार प्रहार किया गया। उनके और उनसे जुड़े गुर्गों की संपत्ति पर प्रशासन ने अंधाधुन बुलडोज़र चलाएं हैं। एक अनुमान के अनुसार पूर्व नेता अतीक अहमद की 30 करोड़ से ज़्यादा की संपत्ति पर बुलडोज़र और प्रशासन का डंडा चल चुका है और अभी अधिक चलाने के तयारी है।

सवाल यह है कि राजनीति के पावन मंदिर में इन माफियाओं को शह किसने और क्यों दिया? क्या राजनीति में बिना किसी गैंगस्टर या माफिया के चुनाव नहीं जीता जा सकता? ऐसा इसलिए कि जिस पार्टी ने दिल्ली में स्वराज लाने की बात कही थी उसी पार्टी के नेता ताहिर हुसैन ने दिल्ली में दंगे को भड़काया था।

(दिल्ली के चन्दाचोर पार्टी का काला सच जानने के लिए इस लिंक को करें: https://www.mxplayer.in/show/watch-transparency-pardarshita-series-online)

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