अमेरिकी सेना के शीर्ष जनरल ने स्पष्ट किया है कि 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में सेना कोई भूमिका नहीं निभाएगी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, हाउस के दो सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए शुक्रवार को जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ चेयरमैन के चेयरमैन मार्क मिले ने एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया, “चुनाव के कुछ पहलुओं पर विवाद होने की स्थिति में अमेरिकी अदालतों और कांग्रेस को विवाद को हल करने की जरूरत होती है, न कि अमेरिकी सेना को। मैं एक अराजनीतिक अमेरिकी सेना के सिद्धांत में गहराई से विश्वास करता हूं। मैं चुनाव की इस प्रक्रिया में अमेरिकी सशस्त्र बलों की कोई भूमिका नहीं देखता हूं।”
यह जबाव राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों द्वारा इस साल के चुनाव में सेना की भागीदारी पर सवाल उठाने के बाद आया है।
2020 के रिपब्लिकन उम्मीदवार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी संभावना व्यक्त की है कि वह नवंबर में परिणामों को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने बिना किसी सबूत के यह दावा किया है कि मेल-इन वोटिंग से बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हो सकती है।
पिछले महीने फॉक्स न्यूज के सवाल पर कि क्या वह चुनाव परिणामों को स्वीकार करेंगे, इस पर ट्रम्प ने कहा था, “मुझे देखना पड़ेगा। मैं केवल हां कहने नहीं जा रहा हूं।”
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वहीं ट्रंप के प्रतिद्वंद्वी और डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन ने जून में कहा था कि वह इसे लेकर “पूरी तरह से आश्वस्त” हैं कि यदि ट्रंप ने परिणामों को खारिज किया तो सेना कदम उठाएगी।(आईएएनएस)