Transparency Web Series: स्वराज से लेकर भ्रष्टाचार तक का सफर (भाग – 1)

यह वेब सीरीज एक आम आदमी के उस यात्रा वृतांत को दिखाता है, जो "चंदे की पारदर्शिता" की खोज में अनंत यात्रा पर निकल पड़ता है।

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एक आम आदमी जीवन भर अपने हक के लिए लड़ता रहता है। देश भले ही लोकतंत्र की बुनियाद पर टिका हो परन्तु इसका अस्तित्व राजनीतिक दलालों के हाथों निर्धारित होता है। 

“ट्रांसपेरेंसी: पारदर्शिता” वेब सीरीज में उसी आम आदमी की कहानी को बहुत खूबसूरती से बुना गया है। यह वेब सीरीज एक आम आदमी के उस यात्रा वृतांत को दिखाता है, जो “चंदे की पारदर्शिता” की खोज में अनंत यात्रा पर निकल पड़ता है। वेब सीरीज में आम आदमी के रूप में डॉ मुनीश रायजादा कई सवालों की गठरी बांधे इस यात्रा की मंजिल तलाशनें यानी अपने सभी सवालों के जवाब खोजने निकल जाते हैं। लेकिन क्या उन्हें उनके प्रश्नों के जवाब मिलते हैं? क्या केजरीवाल उनके सवालों का जवाब देते हैं? 

एक राजनीतिक चेहरा देश बदलने के मकसद से राष्ट्र पटल पर उजागर हुआ था। जिसने कहा था, देश का आम आदमी भ्रष्टाचार नहीं करना चाहता है और हमें मिलकर इस भ्रष्टाचार को खत्म करना होगा। आखिर क्यों और कैसे वह एक भ्रष्टाचारी बन बैठे। आम आदमी पार्टी जिसके तीन सिद्धांत “वित्तीय पारदर्शिता”, “आंतरिक सतर्कता” और “शक्ति विकेंद्रीकरण।” आखिर कैसे ये तीनों सिद्धांत मटिया मेट हो गए? जिस पारदर्शिता का नारा पूरी दुनिया में दिया गया। आखिर क्यों उसे अपने घर में स्थापित नहीं कर पाए?

घोटालों के विरुद्ध एक प्रयास उठा था। जिसके तहत लोकपाल बिल के विषय को सामने लाया गया था। कहा गया था कि लोकपाल बिल आ जाए तो भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकता है। जिसके पश्चात अन्ना हजारे जी (राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर जाने जाते हैं।) को सामने लाया गया था। परन्तु ऐसा क्या हुआ था कि लोकपाल बिल आने के उपरांत भी भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगा और ना ही घोटालों की गति पर विराम लगा? 

2010 में जब अन्ना आंदोलन शुरू हुआ था तो उसकी नींव ही भ्रष्टाचार को खत्म करना था, सदियों से मैली पड़ी राजनीतिक व्यवस्था को बदलना था। जहां सेवक बनकर काम करना था। वहीं एक बदलाव की लहर लेकर आता हुआ एक आम चेहरा देखते ही देखते आखिर मालिक कैसे बन गया??

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“ट्रांसपेरेंसी: परदर्शिता” वेब सीरीज भ्रष्टाचार के खिलाफ गत दशक शुरू होने वाले इंडिया अगेंस्ट करप्शन व अन्ना आंदोलन से निकली “आम आदमी पार्टी” पर आधारित है और इस सीरीज के माध्यम से ही सभी सवालों पर से पर्दा उठेगा। आगे आप जानेंगे की ऐसा क्या था कि एक आम आदमी (अरविंद केजरीवाल) पर पूरी दुनिया ने विश्वास कर लिया था? आखिर कौन है डॉ मुनीश रायजादा? और क्यों वह चंदे की पारदर्शिता से जुड़े सवालों की खोज कर रहे हैं?

भारतीय दर्शकों के लिए MX Player पर निशुल्क उपलब्ध है। https://www.mxplayer.in/show/watch-transparency-pardarshita-series-online-f377655abfeb0e12c6512046a5835ce1

यू.एस.ए और यूके के दर्शकों के लिए Amazon Prime पर मौजूद है। https://www.amazon.com/gp/video/detail/B08NWY9VWT/ref=atv_dp_share_cu_r

डॉक्यूमेंट्री को https://transparencywebseries.com/ पर भी देखा जा सकता है।

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