Transparency Web Series : स्वराज से लेकर भ्रष्टाचार तक का सफर(भाग-2)

डॉ मुनीश ने, AAP के चंदे की सूची जिसे उन्होंने 2016 में वेबसाइट से हटा लिया था, से जुड़े कई पत्र लिखे। लेकिन क्या उन्हें उनके पत्रों के जवाब मिले?

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Transparency Web Series
"Transparency: Pardarshita" Web Series. (NewsGramHindi)

राजनीति एक ऐसा विज्ञान होता है, जो राज्य एवं उसके नागरिकों को कल्याण की भावना सिखाता है। लेकिन आज राजनीति का स्वरूप बदल चुका है। यह भ्रष्टाचारियों की एक ऐसी संस्था है, जहां के प्रतिनिधियों को जनता स्वयं चुनती है और जनता सब जानते हुए भी चुप रहती है। लेकिन इस चुप्पी को तोड़ कर गत दशक जनता ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी। 2012 में गठित आम आदमी पार्टी ने ही इस आवाज को मजबूती प्रदान की थी। लेकिन आम आदमी पार्टी देखते ही देखते कैसे बदल गई? क्यों उनके विचार बदल गए? क्या मकसद था उनका? आखिर कैसे इस पार्टी ने न केवल अपने किए वादों को तोड़ा बल्कि जनता की उम्मीदों को भी कुचल कर रख दिया?

इस एक उम्मीद के साथ “डॉ. मुनीश रायजादा” (Dr. Munish Raizada) शिकागो, अमेरिका से भारत आ गए थे। डॉ. मुनीश, एक शिकागो आधारित चिकित्सा विशेषज्ञ हैं। भारत से एमबीबीएस करने के बाद, चिकित्सा में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए वह अमेरिका आ गए। विदेश में रहकर भी, स्वदेशी मिट्टी की खुशबू और देश की आजादी में चल रही एक दूसरी लड़ाई, उन्हें अमेरिका से भारत खीच लाई थी। डॉ. मुनीश, अपनी सेटल्ड ज़िन्दगी को छोड़ कर लाखों उम्मीदों के साथ भारत आए थे। उन्हीं की तरह न जाने कितने एनआरआई व्यवस्था परिवर्तन के सपने के साथ भारत आए और आम आदमी पार्टी से जुड़े थे। लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ की वह सभी आज निराश हैं और अपने घर वापस लौट चुके हैं? 

कोई भी पार्टी जब सत्ता में कदम रखती है तो उस पार्टी का सारा काम चंदे से होता है और अगर जनता को मालूम हो, कि चंदा कहां से आ रहा है। कहां खर्च किया जा रहा है तो जाहिर सी बात है जनता कोई सवाल खड़े नहीं करती है। आम आदमी पार्टी इसी सिद्धांत के साथ सत्ता में आई थी। केजरीवाल ने कहा था, हम एक – एक पैसे का हिसाब जनता को देंगे। फिर क्यों चंदे की सूची को वेब साइट से हटा लिया गया था? क्यों धीरे – धीरे आम आदमी पार्टी का नैतिक सिद्धांत खत्म हो गया था?

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डॉ. मुनीश, ने आम आदमी पार्टी के चंदे की सूची, जिसे उन्होंने 2016 में वेबसाइट से हटा लिया था, से जुड़े कई पत्र लिखे। लेकिन क्या उन्हें उनके पत्रों के जवाब मिले? क्या चंदे से जुड़े सभी सवालों के जवाब केजरीवाल ने दिए? क्या “चंदे की पारदर्शिता” का अस्तित्व कायम रहा?

हमें इन सभी सवालों के जवाब ट्रांसपेरेंसी: पारदर्शिता वेब सीरीज के माध्यम से मिलेंगे। आगे हम जानेंगे आखिर सच क्या है “इंडिया अगेंस्ट करप्शन” का और आखिर कैसे यह शुरू हुआ था? 

भारतीय दर्शकों के लिए MX Player पर निशुल्क उपलब्ध है। https://www.mxplayer.in/show/watch-transparency-pardarshita-series-online-f377655abfeb0e12c6512046a5835ce1

यू.एस.ए और यूके के दर्शकों के लिए Amazon Prime पर मौजूद है। https://www.amazon.com/gp/video/detail/B08NWY9VWT/ref=atv_dp_share_cu_r

डॉक्यूमेंट्री को https://transparencywebseries.com/ पर भी देखा जा सकता है।

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