छात्र करा सकेंगे इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी का पेटेंट ,नए स्टार्टअप भी खुलने की उम्मीद

गुजरात सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा राज्य स्तरीय आईपी (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी) सुविधा केंद्र शुरू किया गया है। इसके जरिए विभिन्न स्टार्टअप अपने इनोवेशन, आविष्कारों और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी को पेटेंट करा सकेंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने गुरुवार को इस सुविधा का उद्घाटन किया। केंद्रीय मंत्री निशंक ने बताया कि, “इस पहल के

गुजरात सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा राज्य स्तरीय आईपी (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी) सुविधा केंद्र शुरू किया गया है। इसके जरिए विभिन्न स्टार्टअप अपने इनोवेशन, आविष्कारों और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी को पेटेंट करा सकेंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने गुरुवार को इस सुविधा का उद्घाटन किया। केंद्रीय मंत्री निशंक ने बताया कि, “इस पहल के माध्यम से 5 वर्ष की अवधि में निष्पादन हेतु एक 200 करोड़ रुपए का छात्र इनोवेशन कोष बनाया गया है। इससे न केवल 1000 इनोवेटर्स को सपोर्ट मिलेगा, बल्कि प्रतिवर्ष 500 छात्र स्टार्टअप को संचालित करने में मदद की जाएगी। इससे गुजरात के लगभग 60 विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे।”

डॉ. निशंक ने कहा कि, “मुझे उम्मीद है कि राज्य स्तरीय इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (आईपी) सुविधा केंद्र के शुभारंभ के साथ, अरबों डॉलर के स्टार्टअप्स (यूनिकॉर्न) मूल्य के देशों की रैंकिंग में भारत को नंबर 1 स्थान पर पहुंचने में मदद करेगी।” “2014 में भारत में केवल 4 स्टार्टअप यूनिकॉर्न क्लब में थे, लेकिन आज 30 से अधिक स्टार्टअप 1 बिलियन का आंकड़ा पार कर चुके हैं। वर्ष 2020 में कोरोना के कठिन समय में भी हमारे 11 स्टार्टअप यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुए हैं।”

निशंक ने स्टार्टअप्स के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में दिए गए प्रावधानों के बारे में बताते हुए कहा, “राष्ट्रीय शिक्षा नीति स्टार्टअप्स, अनुसंधान और इनोवेशन के लिए बूस्टर के रूप में कार्य करेगी। भारत अपने अनुसंधान और इनोवेशन के लिए विश्व-प्रसिद्ध रहा है और जिससे संपूर्ण विश्व लाभान्वित होता रहा है। भारत को पुन अपने उसी कद और प्रतिष्ठा को प्राप्त करने के लिए, नई शिक्षा नीति का उद्देश्य शैक्षिक क्षेत्र में अनुसंधान संस्कृति को निर्मित एवं विकसित करना है। जिस दिन हमारे विद्यार्थी अपने पेटेंट के साथ वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करना शुरू कर देंगे, भारत पुन विश्व गुरु के रूप में अपने स्वर्णिम गौरव को प्राप्त कर लेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति और समर्पित स्टार्ट-अप नीति जैसे एसएसआईपी को तैयार करने और लागू करने के लिए जिस प्रकार के कार्य और प्रयास किए जा रहे हैं उससे, नवोदित उद्यमियों का भविष्य उज्‍जवल दिखता है।”

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इसके आगे उन्होंने कहा कि हमें अर्थव्यवस्था में स्टार्टअप के महत्व को कम नहीं मानना चाहिए, वे छोटी कंपनियां हो सकती हैं, लेकिन वे किसी देश के समग्र आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। यह स्टार्टअप्स ही हैं जो नौकरियों का सृजन करती हैं, जिसका अर्थ है ज्यादा रोजगार और ज्यादा रोजगार का मतलब है और बेहतर अर्थव्यवस्था। इस अवसर पर गुजरात सरकार के शिक्षा मंत्री भूपेंद्रसिंह चुडासमा भी उपस्थित थे। (आईएएनएस )

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