बहन बेटी का सम्मान है धर्म समपरिवर्तन अध्यादेश : ब्रजेश पाठक

उत्तर प्रदेश में लव-जिहाद और धर्मांतरण की घटनाओं पर लगाम कसने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त कदम उठाए हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिशेध अध्यादेश 2020 पारित किया है।

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उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक । (Wikimedia commons)

उत्तर प्रदेश में लव-जिहाद और धर्मांतरण की घटनाओं पर लगाम कसने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त कदम उठाए हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिशेध अध्यादेश 2020 पारित किया है। इस सबंध में प्रदेश के विधायी व न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक का कहना है कि यह कानून प्रदेश की बहन बेटियों के सम्मान के लिए है।

अध्यादेश के बारे में आईएएनएस से खुलकर बात करते हुए कानून मंत्री ने कहा कि यद्यपि इस अध्यादेश में लव जिहाद की कोई चर्चा नहीं है, लेकिन इसके माध्यम से उन तबकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी जो बहन बेटियों के साथ छल प्रपंच और धोखा कर उनका जीवन बर्बाद करते हैं। उन्होंने कहा कि इस नए कानून का धर्म गुरूओं ने भी स्वागत किया है।

ब्रजेश पाठक ने कहा कि हाल के वर्षों में राज्य में कई जगह देखने को मिला है कि कुछ लोग जबरन प्रलोभन या छल से शादी करते हैं। नाम बदलकर भी शादियां होती थी। इसके बाद लड़कियों को छोड़ दिया जाता था। अब कानून बनने से ऐसी स्थिति नहीं होगी।

कानून जो ज़रूरी है

उन्होंने कहा कि यह बेहतरीन कानून है। अपवाद छोड़ दें तो समाज के हर वर्ग ने इसकी तारीफ की है। रही बात विरोध की तो कुछ की यह आदत ही होती है। ऐसे लोग सार्वजनिक रूप से सिर्फ विरोध के लिए विरोध करते हैं। दिल से ये भी कानून के समर्थक हैं। हाल के वर्षों में यह मसला बड़ी सामािजक समस्या के रूप में उभरा था। कुछ लोग अपना धर्म छिपाकर या प्रलोभन, छल और बहला-फुसलाकर दूसरी जाति की लड़की से शादी कर लेते थे। सच सार्वजनिक होने पर संबंधित लड़की और उसके परिवार का जीवन प्रभावित होता था। सामाजिक प्रतिष्ठा पर आघात अलग से। कभी-कभी यह सामाजिक वैमनस्व की वजह बनता था।

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नये कानून से इस पर और इससे होने वाले सामाजिक वैमनस्व पर रोक लगेगी। अगर दो धर्म के लोग आपसी सहमति से शादी करना चाहते हैं तो अपने जिले के डीएम को दो माह पहले इससे अवगत कराना होगा। इस कानून के लागू होने के बाद छल-कपट व जबरन धर्मांतरण के मामलों में एक से दस वर्ष तक की सजा हो सकती है। छल से या जबरन धर्मांतरण कराने के मामले में दोषी को तीन से दस वर्ष तक की सजा भुगतनी होगी। जबरन या कोई प्रलोभन देकर किसी का धर्म परिवर्तन कराया जाना अपराध माना जाएगा। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सामान्य रखने के लिए और महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए ये कानून जरूरी है। इसमें सभी की बहन बेटियों को इज्जत से जीने का मौका मिलेगा।

सबका साथ सबका विकास का मंत्र

ब्राह्मण समाज की नाराजगी के सवाल पर कानून मंत्री ने कहा, सरकार पर जाति को लेकर लगाये जाने वाले आरोप बेबुनियाद हैं। विधानसभा उपचुनावों के नतीजों ने विपक्ष के इन आरोपों की पोल खोल दी। सबका साथ, सबका विकास हमारे लिए नारा ही नहीं मंत्र भी है। सरकार इसी के अनुसार काम कर रही है। सरकार पर जातीयता का आरोप राजनीतिक साजिश है। जनता इसे नकार चुकी है। हम पूरे प्रदेश को परिवार मानते हैं।

कार्यकर्ताओं की नाखुशी पर ब्रजेश पाठक कहते हैं कि हमारी पार्टी सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास करती है। कार्यकर्ताओं के हर सुख-दुख में हम उनके साथ है। कहीं कोई नाराज नहीं सब खुश हैं। पाठक ने कहा कि लोगों को शीघ्र न्याय मिले इसके लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। हर जिले में मुकदमों की प्रवृत्ति के अनुसार जिला जज स्तर के कई पद सृजित किये गये हैं। इससे सामान्य कोर्ट का भार कम होगा और बाकी मुकदमों का शीघ्र निस्तारण होगा। (आईएएनएस )

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