अयोध्या को भव्य धार्मिक रूप देने के लिए इसके सभी प्रवेश बिंदुओं पर बागों से घिरे ‘राम द्वार’ कहे जाने वाले भव्य प्रवेश द्वार जल्द ही बनेंगे।
‘राम द्वारों’ के किनारे लगे बागों को ‘रामायण वाटिका’ कहा जाएगा। अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह ने कहा, “अयोध्या में छह प्रवेश द्वार हैं। अयोध्या शहर को भव्य धार्मिक रूप देने के लिए सभी प्रवेश बिंदुओं पर भव्य द्वार या राम द्वार बनाए जाएंगे।”
यह पहल पवित्र शहर को एक छोटे से शहर से एक नए शहर में बदलने की योजना का एक हिस्सा है, जो आधुनिक सुविधाओं से लैस और संस्कृति के अनुकूल हैं।
सोमवार को अयोध्या में विकास कार्यों की समीक्षा करने वाले प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी विकास दीपक कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि अयोध्या पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन डॉक्युमेंट के लक्ष्य को समय पर पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर कवायद जारी है।
विभिन्न विभाग बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और अयोध्या को विश्वस्तरीय शहर बनाने के विजन को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करने में लगे हैं। अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को विकसित करने का भी लक्ष्य है।
इस बीच, अयोध्या में राम मंदिर में पत्थर का काम दिसंबर में शुरू होने की उम्मीद है, क्योंकि मंदिर की नींव के लिए कंप्रेस्ड कंक्रीट बेस रखा गया है, जिसके अक्टूबर तक पूरा होने की संभावना है।
यह भी पढ़ें: “गंगोत्री धाम” के कपाट सांकेतिक रूप से खोले गए|
राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा के अनुसार, “दिसंबर में निर्माण के दूसरे चरण के तहत मंदिर के बेस प्लिंथ पर काम शुरू होगा, जिसके लिए मिजार्पुर के गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा।
अयोध्या में विकास कार्य जारी है और इसमें सड़कों का चौड़ीकरण, नदी के किनारे का जीर्णोद्धार, बस स्टैंड और पाकिर्ंग की सुविधा शामिल है। सरकार की योजना पड़ोसी जिलों जैसे बस्ती और गोंडा के गांवों को भी जोड़ने की है।(आईएएनएस-SHM)