वाशिंग मशीन, जिम और लाइब्रेरी के बाद सिंघु बॉर्डर पर तैयार हुआ पहियों वाला घर

जैसे जैसे वक्त बीतता जा रहा है, किसान अपनी सहूलियत के अनुसार सिंघु बॉर्डर पर बदलाव करने लगे हैं। किसानों के समर्थन में सिंघु बॉर्डर पहुंचे हरप्रीत सिंह मट्टू ने अपने ट्रक को ही एक अस्थाई घर में बदल दिया। जालंधर से आये हरप्रीत सिंह किसान आंदोलन में अपना समर्थन देने सिंघु बॉर्डर पहुंचे हुए

जैसे जैसे वक्त बीतता जा रहा है, किसान अपनी सहूलियत के अनुसार सिंघु बॉर्डर पर बदलाव करने लगे हैं। किसानों के समर्थन में सिंघु बॉर्डर पहुंचे हरप्रीत सिंह मट्टू ने अपने ट्रक को ही एक अस्थाई घर में बदल दिया। जालंधर से आये हरप्रीत सिंह किसान आंदोलन में अपना समर्थन देने सिंघु बॉर्डर पहुंचे हुए हैं। उन्होंने 2 दिसंबर से ही बॉर्डर पर लंगर सेवा शुरू कर दी। हरप्रीत अपने परिवार के साथ बॉर्डर आए हुए हैं। हरप्रीत को जब घर की याद आने लगी तो उन्होंने अपने ट्रक को घर में तब्दील कर दिया। इस काम में उन्हें दो दिन लगे।

हरप्रीत द्वारा बनाए गए इस अस्थाई घर में हर सुविधा मौजूद है। ट्रक में बाथरूम से लेकर टीवी तक लगा हुआ है। हरप्रीत ने ट्रक में बाकायदा सोने के लिए बेड और बैठने के लिए सोफा लगाया हुआ है।

वाशिंग मशीन, जिम और लाइब्रेरी के बाद सिंघु बॉर्डर पर तैयार हुआ पहियों वाला घर
जालंधर से आए हरप्रीत सिंह द्वारा बनाए गए घर की एक झलक।

हरप्रीत सिंह मट्टू ने आईएएनएस को बताया, मैं 2 दिसंबर को सिंघु बॉर्डर पर आ गया था और तभी से किसानों की सेवा में लंगर शुरू करवाया जो कि आज भी चल रहा है। 8 दिसंबर को मैंने अपने ट्रक को अपार्टमेंट में तब्दील कर दिया, इसके लिए मैंने अपने साथियों को फोन किया और साथ ही प्लम्बर, बिजली वाला और कारपेंटर को भी बुला लिया। मेरे 12 ट्रक भी यहीं मौजूद है जो किसानों की सेवा में लगे हुए हैं, जिनमें कंबल रजाई की व्यवस्था की हुई है।

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दरअसल इस आंदोलन में किसानों ने खुद ही हर तरह की व्यवस्था कर रखी हुई है। बॉर्डर पर कपड़े धोने के लिए वाशिंग मशीन का भी इंतजाम किया गया है। साथ ही जिम, लाइब्रेरी और कम्युनिटी सेंटर तक बनाये गए हैं।(आईएएनएस)

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