राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को कहा कि देश में कोविड के बाद की परिस्थिति में बीमारियों की रोकथाम से लेकर निदान और उपचार तक, स्वास्थ्य देखभाल की तमाम सुविधाओं में बड़ा बदलाव आ रहा है। राष्ट्रपति रविवार को कर्नाटक में बेंगलुरू में राजीव गांधी स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के 23वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि कोविंद ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास के लिए सभी संबद्ध पक्षों की भागीदारी और सहयोग जरूरी है।
स्नातक विद्यार्थियों एवं विश्वविद्यालय की फैकल्टी को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि महामारी ने दुनिया को यह सबक सिखाया है कि अगर एक व्यक्ति खतरे में है तो दूसरा भी सुरक्षित नहीं रह सकता।
कोविंद ने इसे विश्व बंधुत्व का सबक बताते हुए कहा कि कोविड-19 अपनी तरह का ऐसा अनोखा स्वास्थ्य संकट है, जिसका प्रकोप कभी-कभार फैलता है।
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उन्होंने कहा कि मैं आशा करता हूं कि इस महामारी से दुनिया ने सही सबक सीखा है। कोविड के बाद की परिस्थिति में अब विश्व को सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं पर अत्यधिक ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि कोविड महामारी ने दुनियाभर में लोगों को भारी दुख और पीड़ा पहुंचाई है। कोरोना काल में जान की परवाह किए बिना महामारी से निपटने में लगे डॉक्टरों और पैरा मेडिकल कर्मियों पर देश को गर्व है।
कर्नाटक के राज्यपाल वाजूभाई वाला, मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा और राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ के सुधाकर भी इस अवसर पर उपस्थित थे। जाने-माने न्यूरो सर्जन डॉ अलंगर सत्यरंजनदास हेगड़े को दीक्षांत समारोह में डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि प्रदान की गई। (आईएएनएस)