कोरोना की चपेट में अब आपके करारे “नोट”

आरबीआई द्वारा नोटों के कोरोना के संभावित वाहक होने की पुष्टि के बाद, सीएआईटी ने निर्मला सीतारमण से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिलाने की मांग करी है।

Notes Carrier Corona RBI नोट कोरोना वाहक
भारतीय रिज़र्व बैंक ने हाल ही में नोटों के कोरोना के संभावित वाहक होने की पुष्टि की है। (Pixabay)

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने रविवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पुष्टि की है कि करंसी नोट कोरोना के संभावित वाहक हो सकते हैं।

संस्था ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकारी प्रोत्साहन दिए जाने की मांग की है। इससे पहले 9 मार्च को सीएआईटी ने केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर पूछा था कि क्या करंसी नोट बैक्टीरिया और वायरस के वाहक हैं या नहीं।

कन्फेडरेशन ने एक बयान में कहा है कि मंत्रालय से यह पत्र आरबीआई को भेज दिया गया था। उसने सीएआईटी को संकेत देते हुए जवाब दिया था कि नोट बैक्टीरिया और वायरस के वाहक हो सकते हैं, जिसमें कोरोनावायरस भी शामिल है। लिहाजा, इससे बचने के लिए डिजिटल भुगतान का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना चाहिए।

CAIT RBI कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स भारतीय रिजर्व बैंक
भारतीय रिजर्व बैंक और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स। (Twitter)

पत्र में आरबीआई ने आगे कहा, “कोरोनावायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए जनता विभिन्न ऑनलाइन डिजिटल चैनलों जैसे मोबाइल और इंटरनेट बैंकिंग, क्रेडिट और डेबिट कार्ड आदि के माध्यम से घर बैठे भुगतान कर सकती है। इससे वह नकदी का उपयोग करने और निकालने से बचेगी।”

सीएआईटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार, आरबीआई का जवाब बताता है कि डिजिटल भुगतान का उपयोग ज्यादा से ज्यादा होना चाहिए।

यह भी पढ़ें – अलर्ट ! अब 25 करोड़ लोगों तक पहुंचेगा कोविड-19 का टीका

सीएआईटी ने निर्मला से लोगों में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए ‘इंटेंसिव’ देने की योजना शुरू करने का आग्रह किया है।

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण Nirmala Sitharaman
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण। (Wikimedia Commons)

बयान में कहा गया है, “डिजिटल लेनदेन के लिए लगाए गए बैंक शुल्क को माफ किया जाना चाहिए और सरकार को बैंक शुल्क के बदले बैंकों को सीधे सब्सिडी देनी चाहिए। यह सब्सिडी सरकार पर वित्तीय बोझ नहीं डालेगी, बल्कि यह नोटों की छपाई पर होने वाले खर्च को कम कर देगी।” (आईएएनएस)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here