भारतीय पुरुष हॉकी टीम के अनुभवी गोलकीपर पी. आर श्रीजेश का कहना है कि टीम के सीनियर खिलाड़ियों की ड्यूटी है कि वे जूनियर खिलाड़ियों को इस बात से अवगत कराएं कि ओलंपिक का टास्क किस तरह का है। 2016 रियो ओलंपिक में भारतीय टीम की कप्तानी करने वाले श्रीजेश ने कहा, “यह हमारे जैसे सीनियर खिलाड़ियों पर है कि हम युवाओं का मनोबल बढाएं। इनमें से कुछ बस इस बात को लेकर ही खुश हैं कि वे भारत के लिए खेलेंगे।”
उन्होंने कहा, “हालांकि, यह सीनियर खिलाड़ियों की जिम्मेदारी है कि वे युवाओं को समझाएं कि सिर्फ खेलना अहम नहीं है बल्कि यह ओलंपिक जैसे बड़े टूर्नामेंट में पदक जीतना का सुनहरा अवसर भी है। हमें इन खिलाड़ियों को यह बताने की जरूरत है कि ये बेहतर खिलाड़ी हैं और अच्छा कर सकते हैं।”
श्रीजेश ने कहा, “जब मैंने पहली बार भारतीय जर्सी पहनी तो मुझे याद है कि मेरे सीनियरों ने मुझसे कहा था कि अगर तुम गलती करोगे तो तुम्हें क्लब या राज्य स्तर पर ही खेलना पड़ेगा। भारतीय जर्सी पहनने से बड़ी जिम्मेदारी आती है।”
उन्होंने कहा, “ओलंपिक एक त्योहार की तरह है। यहां पूरी दुनिया आपको देखती है। इस जगह दुनिया के शीर्ष एथलीट्स और आपके प्रेरणास्रोत्र मौजूद रहते हैं।”
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श्रीजेश ने 2006 में डेब्यू किया था जिसके बाद से वह भारतीय टीम के महत्वपूर्ण सदस्य बने हुए हैं। (आईएएनएस-PS)