डीटीयू का यह कोर्स न सिर्फ देश में, बल्कि दुनिया भर में अपना परचम लहराए : मनीष सिसोदिया

 दिल्ली (Delhi) टेक्निकल यूनिवर्सिटी यानि डीटीयू (DTU) में फैमिली बिजनेस और एंटरप्रिन्योरशिप (Entrepreneurship) पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। दिल्ली सरकार के मुताबिक इससे न सिर्फ दिल्ली के व्यापारिक घरानों को लाभ होगा, बल्कि देश भर के व्यापारिक घरानों को जबरदस्त लाभ होगा। उनके बच्चे अब दूसरी कंपनियों में जॉब ढ़ूंढने न जाकर अपने ही बिजनेस को नए कलेवर में और आगे बढ़ा सकते हैं और नई नौकरियां पैदा कर सकते हैं। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री (Deputy chief minister) मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने इस शुरूआत को लेकर कहा, “मेरा सपना है कि डीटीयू का यह कोर्स न सिर्फ देश में, बल्कि दुनिया भर में अपना परचम लहराए। जिस तरह से फैमिली बिजनेस और एंटरप्रिन्योरशिप (Entrepreneurship) पाठ्यक्रम के लिए अमेरिका (America) के बेबसन कॉलेज का अपना नाम है, मैं चाहता हूं कि डीटीयू भी उस कॉलेज से कंपीट करे और दुनिया भर के छात्र यहां पढ़ने के लिए इच्छुक हों।”

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि, “हमारे विश्वविद्यालयों (Universities) से पढ़कर निकलने वाले छात्र जॉब सीकर्स यानि नौकरी तलाश करने वाले बनने की बजाय नौकरी उपलब्ध कराने वाले बनें। छात्र उद्यमी बनें और लोगों को नौकरी दें। हमारे विश्वविद्यालयों ने वो मुकाम तो हासिल कर लिया है कि हमारे छात्र दुनिया की बड़ी से बड़ी कंपनियों में ऊंची सैलरी पर नौकरी कर रहे हैं, लेकिन देशहित में यह जरुरी है कि हमारे छात्रों के अंदर वह कौशल हो कि वे दुनिया भर के लोगों को नौकरी दे सकें। अपनी स्टार्टअप से अपनी कंपनियों से लोगों को जॉब दे सकें। मेरा सपना है कि हमारे विश्वविद्यालय ऐसे ही उद्यमियों की जन्म स्थली बनें।”

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा कि पिछले 8 दशकों से, दिल्ली (Delhi) प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने शिक्षा के साथ-साथ अनुसंधान के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम किया है। इसी काम के मद्देनजर रखते हुए हमने डीटीयू में ऐसे कोर्स शुरू किए कि वह उद्यमी पैदा करें। एमबीए (MBA) इन फैमिली बिजनेस एंड एंटरप्रिन्योरशिप पाठ्यक्रम की शुरूआत के पीछे मेरा यही सपना है। इस पाठ्यक्रम से निकलने वाले बच्चे अपने फैमिली का बिजनेस संभालें या खुद किसी नए आईडिया पर अपना बिजनेस शुरू करें।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि भारत (India) के विश्वविद्यालयों से पढ़े बच्चे आज विश्व की बड़ी-बड़ी कंपनियों को चला रहे हैं। हमने अपने बच्चों को तो तैयार कर दिया, लेकिन अपने विश्वविद्यालयों को तैयार नहीं कर सके। अब जरूरत है कि हम देश में ऐसे विश्वविद्यालय (Universities) तैयार करें, जिनमें पढ़ने वाले बच्चों की कंपनियों में अमेरिका (America), जापान (Japan) जैसे देशों के बच्चे नौकरी पाने का सपना देखें और इस दिशा में डीटीयू शानदार काम कर रही है।

फैमिली बिजनेस एंटरप्रिन्योरशिप एवं इनोवेशन एंटरप्रिन्योरशिप एंड वेंचर डेवलपमेंट प्रोग्राम से एमबीए कर रहे विद्यार्थियों से उपमुख्यमंत्री ने बात की। बातचीत के दौरान एमबीए फैमिली बिजनेस के द्वितीय वर्ष के छात्र अभिषेक मेहता ने बताया कि, “उनके पिता का स्टोन क्रशर मैनुफैक्च रिंग का बिजनेस (Business) है। अभिषेक ने बताया कि भारत में सक्सेशन प्लानिंग की कमी है, इसलिए बच्चे अपनी फैमिली बिजनेस की तरफ आकर्षित नहीं होते हैं, लेकिन इस कोर्स को ज्वाइन करने के बाद मुझे जो सीखने को मिला, उससे मैंने अपने नए आइडिया को अपनी फैमिली बिजनेस से जोड़ा और इससे मुझे सफलता मिली। अब मैं अपने बिजनेस को दूसरे देशों तक भी ले जाने के लिए तैयार हूं।”

यह भी पढ़े :- बिहार को मिला 12 इलेक्ट्रिक बसों का तोहफा !

एक अन्य छात्र मनीष शर्मा ने बताया कि उसके पिता का प्रिंटिंग का व्यवसाय है। मनीष ने बताया कि वह अपने दोस्त के साथ मिलकर एक ऐसा 3डी प्रिंटिंग (Printing) का व्यवसाय शुरू करना चाहता है, जिससे मेडिकल के क्षेत्र में लोगों को फायदा हो। (आईएएनएस-SM)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here