एडवांस भारत के लिए डीएसटी का बड़ा कदम

विश्व की अनेक तकनीकियों से अपडेट रहने के लिए, विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी विभाग की ओर से होगा बड़ा आयोजन। कोरोना वैक्सीन आने के बाद अगले साल होगी तारीख की घोषणा।

Dr Hrashvardhan , Minister of science and technology DST
अगले साल होने वाले ' फ्रंटियर्स इन इंटर कनेक्टेड इंटेलीजेंट सिस्टम्स एंड डिवाइसेज ' नामक प्रोग्राम के बारे में 30 सितंबर को जानकारी दी जाएगी। (फाइल फोटो, PIB)

केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी विभाग (डीएसटी) की ओर से बड़े आयोजन की कवायद चल रही है।

दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, ऑटोनॉमस सिस्टम, इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे क्षेत्रों में क्या कुछ नया चल रहा है, इससे अपडेट होने के लिए डॉ. हर्षवर्धन के नेतृत्व वाले विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी विभाग की ओर अगले साल 2021 में एक बड़ा आयोजन होगा। जिसमें दुनियाभर के साइंस और टेक्नोलॉजी से जुड़े एक्सपर्ट भाग लेंगे। कोरोना वैक्सीन आने के बाद अगले साल इस बड़े आयोजन की तारीख घोषित होगी।

कोऑर्डिनेटर डॉ. आशीष शाह ने आईएएनएस को आयोजन की अहमियत बताते हुए कहा कि, ” इससे तकनीकी क्षेत्र में सही दिशा में भारत को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे चार से पांच प्रमुख सेक्टर में तेजी से तकनीक बदल रही है।

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केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने नई पहल करते हुए दुनियाभर में तकनीकी क्षेत्र में हो रहे कार्यों से भारत में कार्य करने वाले लोगों को अपडेट कराने की कोशिश की है। ऐसे में इस आयोजन के जरिए एक प्लेटफार्म देने की कोशिश है, जिस पर देश और विदेश के एक्सपर्ट आकर चर्चा करें, कि दुनिया में किस तरह से तकनीकी विकास हो रहे हैं। ताकि उसी अनुरूप भारत में भी काम हो सके।”

Dr Hrashvardhan , Minister of health and Family welfare
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन। (फाइल फोटो, PIB)

विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी मंत्रालय के तहत ही विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी विभाग (डीएसटी) कार्य करता है। विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी विभाग ऐसी प्रमुख विज्ञान परियोजनाओं पर कार्य करता है, जो राष्ट्रीय जरूरतों और भविष्य के लिए सहायक होते हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग विज्ञान और प्रौद्योगिकी को देश में बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाता है।

दरअसल, दुनिया तेजी से बदल रही है। आज हम जिस टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हैं, वह कुछ वर्षों में अप्रचलित हो जाती है। इन परिवर्तनों के पीछे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), क्वांटम कम्प्यूटिंग, ऑटोनॉमस सिस्टम से उत्पन्न प्रौद्योगिकी क्रांतियां हैं। इन्हीं तकनीकी क्रांतियों की दिशा में भारत भी काम करने की कोशिश कर रहा है।

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ऐसे में डॉ. हर्षवर्धन के नेतृत्व में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय लगातार पहल कर रहा है कि कैसे देश हमेशा दुनिया भर में तकनीकी क्षेत्र में चल रहे रिसर्च से अपडेट रहे।

यह तभी हो सकता है जब देश के छात्र, शोधार्थी दुनियाभर में हो रहे तकनीकी विकास से अपडेट रहें। विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी विभाग का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा कि विश्व स्तर पर हो रही चुनौतीपूर्ण तकनीकी विकास की दिशा में डीएसटी ने कई पहल की हैं। कई देशों के साथ द्विपक्षीय योजनाओं पर भी हस्ताक्षर किए हैं। (आईएएनएस)

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