यमुना और उसके घाटों की सफाई को आगे आए डीयू के छात्र

गांधी जयंती के अवसर पर एबीवीपी और एसएफडी के कार्यकर्ता छात्रों ने मिलकर यमुना के घाटों और यमुना को स्वच्छ बनाने का जिम्मा उठाया था।

Yamuna river in delhi
यमुना की सफाई के लिए सामने आए दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र।(सांकेतिक चित्र, Pixabay)

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के छात्र यमुना नदी की सफाई में विशेष योगदान देंगे। छात्र यमुना नदी और यमुना नदी के किनारे बने घाटों की सफाई कर रहे हैं। इसके साथ ही यमुना खादर के इलाकों में भी ये छात्र सफाई करके स्वच्छता अभियान में सहयोग करेंगे। यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन से लगे इलाके को भी दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र स्वच्छ बनाए रखने का प्रयास करेंगे। यमुना नदी और उसके आसपास के क्षेत्रों को साफ सुथरा बनाए रखने के लिए एबीवीपी तथा विकासार्थ विद्यार्थी ने हर माह इस क्षेत्र में सफाई अभियान चलाने का भी निर्णय लिया है, जिससे कि यमुना की स्वच्छता के प्रति जागरूकता का संदेश दिया जा सके। भविष्य में छात्रों युवाओं को और बड़ी संख्या में अभियान से जोड़ यमुना स्वच्छता अभियान को और तेज करने की योजना है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की दिल्ली इकाई तथा विकासार्थ विद्यार्थी (एसएफडी) के कार्यकर्ता छात्रों ने गांधी जयंती पखवाड़े में यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन के पास यमुना खादर क्षेत्र में स्वच्छता अभियान चलाकर यमुना घाटों की सफाई की है। छात्रों ने स्वच्छता अभियान में हिस्सा लेकर यमुना घाट से कूड़े को साफ किया और इकट्ठा हुए कूड़े का निस्तारण किया।

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एसएफडी, दिल्ली के संयोजक हर्षित नारंग ने कहा, “यमुना की गंदगी एक लंबे समय से इसके किनारे बसे क्षेत्रों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय रही है। घाटों की साफ-सफाई के लिए भी सिर्फ सरकारों को ही नहीं, बल्कि समूचे जनमानस को आगे आना पड़ेगा। अपनी आदतों में बदलाव लाना पड़ेगा। स्वच्छ पर्यावरण हमारी जिम्मेदारी है, ऐसा संदेश महात्मा गांधी ने भी दिया था। एसएफडी यमुना और उसके घाटों की साफ-सफाई के इस अभियान को हर माह चलाकर इसे एक बड़ी मुहिम का रूप देने का काम करेगी। हम सरकार से आशा करते हैं कि वे जल शोधन संयंत्र स्थापित करे तथा कूड़ा निस्तारण की प्रभावी व्यवस्था कर नदी की स्वच्छता के लिए प्रयास करेगी।”

एबीवीपी की पूर्वी दिल्ली इकाई के संयोजक जितेंद्र ने कहा, “महात्मा गांधी एवं लालबहादुर शास्त्री राष्ट्र के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। आदर्शो के उच्च मानक स्थापित करने वाली इन दो विभूतियों ने राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करते हुए सादा जीवन जीने की जो सीख हमें दी, उससे प्रेरणा लेकर हम लगातार समाज के लिए काम करते रहेंगे।”(आईएएनएस)

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