मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नाजिरा खान ने तो अपने परिवार के विरोध का सामना किया। कोरोना काल में परिवार के विरोध के बावजूद लोगों की मदद के लिए आगे आने पर राष्ट्रीय महिला आयोग नाजिरा को सम्मानित करने जा रहा है। राष्ट्रीय महिला आयोग के 29वें स्थापना दिवस 31 जनवरी को नई दिल्ली में केंद्रीय महिला-बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन इरानी द्वारा नाजिरा खान को ‘कोविड महिला वॉरियर’ सम्मान से नवाजा जायेगा। नाजिरा खान श्योपुर जिले के हीरागांव की आगनवाडी कार्यकर्ता हैं। स्नातक, बीएसडब्ल्यू और पीजीडीसीए तक शिक्षित नाजिरा ने कोरोना काल में ड्यूटी पूरी करने के लिए परिवार का विरोध झेला। लॉकडाउन की घोषणा के समय नाजिरा स्वयं डेंगू का इलाज करा रही थीं, लेकिन कोरोना संक्रमण के दौरान कई प्रवासी परिवारों को सरकार की गाईडलाइन के अनुसार क्वारंटीन करवाकर उचित इलाज और सहायता पहुंचाई।
नाजिरा बताती है कि करीब पांच हजार की आबादी वाले उनके गांव में एक हजार से ज्यादा लोग रोजी-रोटी की तलाश में गांव से दूर काम करते थे। लॉकडाउन की घोषणा होते ही प्रवास पर गए सभी लोग गांव वापस आने लगे। उन्होंने बताया कि महानगरों से गांव लौट रहे ग्रामीणों से संक्रमण का खतरा ज्यादा था। वे जानती थीं कि यदि बाहर से लौटे लोगों को क्वारेंटीन नहीं किया और उनकी समुचित चिकित्सीय जांच नहीं कराई तो कोरोना संक्रमण पूरे गांव में फैल सकता है।
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नाजिरा ने ग्राम प्रधान और सरपंच की मदद से भाग-दौड़ कर बाहर से आये सभी लोगों को क्वारंटीन कराना शुरू कर दिया। उनका बाहर जाना, लोगों से मिलना ससुराल के बुजुर्गों को नागवारा लगा। उन्हें नौकरी से त्यागपत्र तक देने पर जोर दिया गया। नाजिरा के पति ने उनका साथ दिया और परिवार के लोगों को समझाया, संकट की इस घड़ी में गांव के लोगों की मदद करने की इजाजत नाजिरा को दिलाई।
लोगों को सुरक्षित रखने के फैसले और नाजिरा की समझदारी से आज पूरा गांव कोरोना से मुक्त है। नाजिरा आज न केवल लोगों को कोरोना सुरक्षा के उपाय बता रही हैं, बल्कि आंगनवाड़ी से जुड़े सभी परिवारों को पोषण आहार टी.एच.आर और अन्य सेवाएं सुचारू रूप से दे रही हैं। (आईएएनएस)