विदेशी वैज्ञानिकों को सबसे बड़ी दूरबीन का उपयोग करने की चीन ने दी अनुमति

By : अखिल पाराशर चीन ने हाल ही में घोषणा की है कि अब विदेशी खगोल विज्ञानी दक्षिण-पश्चिमी चीन के क्वेचोउ प्रांत में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन ‘फास्ट’ का उपयोग करने की अनुमति ले सकते हैं। इसके लिए विदेशी वैज्ञानिकों को आवेदन देना होगा। दरअसल, 500 मीटर व्यास की इस एकल एपर्चर रेडियो

By : अखिल पाराशर 

चीन ने हाल ही में घोषणा की है कि अब विदेशी खगोल विज्ञानी दक्षिण-पश्चिमी चीन के क्वेचोउ प्रांत में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन ‘फास्ट’ का उपयोग करने की अनुमति ले सकते हैं। इसके लिए विदेशी वैज्ञानिकों को आवेदन देना होगा। दरअसल, 500 मीटर व्यास की इस एकल एपर्चर रेडियो को दूरबीन विज्ञान के क्षेत्र में चीनी महžवाकांक्षा का नतीजा माना जाता है। इस दूरबीन का नाम ‘फाइव हंड्रेड मीटर एपर्चर स्फेरिकल टेलीस्कोप’ (फास्ट) रखा गया है। इस दूरबीन को क्वेचोउ के पहाड़ी क्षेत्र में लगाया गया है। माना जाता है कि इसे मानवता की मदद के लिए एलियंस के जीवन को खोजा जाएगा।

इस चीनी दूरबीन को 30 फुटबाल मैदानों के बराबर जगह पर स्थापित किया गया है। इसको बनाने में 1.2 अरब युआन (तकरीबन 180 करोड़ अमेरिकन डॉलर) का खर्च आया है। ‘फास्ट’ ब्रह्मांड के रहस्यों और अंतरिक्ष में जीवन के संकेतों के समझने और सुलझाने में मदद करेगी। इस दूरबीन ने प्यूरतो रिको में स्थित अब तक की सबसे बड़ी एर्सिबो वेधशाला में अपनी जगह बनाई है। इस रेडियो दूरबीन में प्यूरतो रिको की एर्सिबो वेधशाला के मुकाबले सुदूर अंतरिक्ष से संकेत लेने की क्षमता न सिर्फ ज्यादा है बल्कि यह एलियन के भेजे संकेत भी ग्रहण कर सकती है। हालांकि, राजनीतिक तनाव के कारण हाल के वर्षों में चीन और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समुदाय के बीच सहयोग बाधित हुआ है। अमेरिकी कांग्रेस ने वर्ष 2011 में एक विधेयक पारित किया, जिसमें चीनी वैज्ञानिकों को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर चढ़ने से रोक दिया गया था।

लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया सहित दुनिया भर से खगोल विज्ञानी उन्नत सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए चीन आना चाहेंगे। बहरहाल, 1 अप्रैल, 2021 से विदेशी शोधकतार्ओं से आवेदन स्वीकार किए जाएंगे, लेकिन अभी यह खुलासा नहीं हुआ है कि विदेशी शोधकतार्ओं को दूरबीन का उपयोग करने के लिए भुगतान करने की आवश्यकता होगी या नहीं।

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‘फास्ट’ को वर्ष 2011 में बनाना शुरू किया, और यह सितंबर 2016 में बनकर तैयार हुआ। यहां दूरबीन के आसपास का इलाका अपेक्षाकृत कम आबादी वाला है। भौगोलिक ²ष्टि से भी यह जगह दूरबीन के लिए बहुत उपयुक्त है। इस सुविधा में नए ग्रहों और एलियन सभ्यताओं की तलाश में परियोजनाएं चल रही हैं। यह दूरबीन आकाशगंगा के बाहर जीवन खोजने में मदद कर रही है, साथ ही इसमें आकाशगंगा की संरचना और तारों के निर्माण पर भी अध्ययन किया जा रहा है। चीन का अरबों डॉलर का यह अंतरिक्ष कार्यक्रम देश की प्रगति का प्रतीक है। चीन के सबसे बड़े रॉकेट कॉन्ट्रैक्टर, चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी कॉरपोरेशन (सीएएससी) की माने तो चीन की वर्ष 2021 में 40 मिशन शुरू करने की योजना है। इस वर्ष के मिशनों का मुख्य फोकस चीन का अपना अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण करने पर होगा। इसके अलावा, इस फरवरी को चीन के मंगलयान ‘थ्येनवन-1’ का भी मंगल के गुरुत्वाकर्षण तक पहुंचने की उम्मीद है। ( आईएएनएस )

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