बढ़ती ठंड से बच्चों को हो सकता निमोनिया ,जानिए कैसे ?

मध्य प्रदेश के अन्य हिस्सों की तरह राजधानी भोपाल में भी ठंड का प्रकोप बढ़ रहा है। बढ़ती ठंड से पांच साल तक के बच्चों को निमोनिया का संक्रमण बढ़ सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संदर्भ में दिशा निर्देश जारी किए हैं और लोगों से कहा है कि बच्चों का खास ख्याल रखें क्योंकि

मध्य प्रदेश के अन्य हिस्सों की तरह राजधानी भोपाल में भी ठंड का प्रकोप बढ़ रहा है। बढ़ती ठंड से पांच साल तक के बच्चों को निमोनिया का संक्रमण बढ़ सकता है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संदर्भ में दिशा निर्देश जारी किए हैं और लोगों से कहा है कि बच्चों का खास ख्याल रखें क्योंकि निमोनिया उनके लिए जानलेवा हो सकता है।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार ठंड के मददेनजर शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों में निमोनिया के संक्रमण से बचाव के लिए सावधानियों को अपनाना बेहद आवश्यक है। इस संबंध में भोपाल के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रभाकर तिवारी ने एडवाईजरी जारी कर कहा कि निमोनिया जानलेवा हो सकता है। निमोनिया के उपचार में देरी बच्चे के लिये खतरनाक हो सकती है। बच्चों में बुखार, खांसी, श्वांस तेज चलना, पसली चलना अथवा पसली धसना निमोनिया के लक्षण हैं। ऐसे लक्षण दिखाई देने पर बच्चों को निमोनिया से उपचार के लिये तुरंत चिकित्सक अथवा निकटतम स्वास्थ्य केन्द्र में ले जायें।

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तिवारी के अनुसार सभी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं में शिशुओं को निमोनिया से बचाव में बेहद कारगर वैक्सीन पीसीवी भी नि:शुल्क उपलब्ध है। अपने शिशुओं को डेढ़, साढ़े तीन एवं नौ माह में निमोनिया से बचाव हेतु पीसीवी वैक्सीन की पूर्ण डोज नि:शुल्क अवश्य लगवायें। बच्चों को ठंड से बचाव के लिये अभिभावकों से आग्रह किया है कि बच्चों को दो-तीन परतों में गर्म कपड़े पहनायें। ठंडी हवा से बचाव के लिये शिशु के कान को ढंके, तलुओं को ठंडेपन से बचाव के लिये बच्चों को गर्म मोजे पहनायें । (आईएएनएस)

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