एनएच10′, ‘बुलबुल’, ‘पाताल लोक’ के बिना खुद की कल्पना नहीं कर सकती : अनुष्का

मुझसे कहा गया था कि मुझे अपने एक्टिंग करियर पर ही ध्यान केंद्रित करना चाहिए और प्रोडक्शन के क्षेत्र में जाकर मन को भटकाना नहीं चाहिए: अनुष्का

अभिनेत्री अनुष्का शर्मा(Anushka Sharma) का कहना है कि आज वह अपने प्रोडक्शन की फिल्में ‘एनएच10’, ‘परी’, ‘फिल्लौरी’, ‘बुलबुल’, ‘पाताल लोक’ के बगैर खुद की कल्पना भी नहीं कर सकतीं। उन्होंने कहा, “मुझसे कहा गया था कि मुझे अपने एक्टिंग करियर पर ही ध्यान केंद्रित करना चाहिए और प्रोडक्शन के क्षेत्र में जाकर मन को भटकाना नहीं चाहिए। आज मैं ‘एनएच10’, ‘परी’, ‘फिल्लौरी’, ‘बुलबुल’, ‘पाताल लोक’ और अपने कुछ अपकमिंग प्रोजेक्ट्स के बगैर खुद की कल्पना भी नहीं कर सकती।”

उन्होंने(Anushka Sharma) कहा, “प्रोड्यूसर के रूप में मेरा सफर ‘एनएच10’ के साथ शुरू हुई थी और यह आगाज किसी धमाके की तरह था। मैं इतना ही बता सकती हूं कि बतौर प्रोड्यूसर मुझे कुछ भी पता नहीं था।” उन्होंने कहा, “ये मेरा सौभाग्य है कि दर्शकों को क्लटर-ब्रेकिंग कंटेंट देने के मेरे विजन और पैशन को साझा करने वाला मेरा भाई कर्णेश (शर्मा) मेरे साथ था। मेरे दिमाग में ढेर सारे सपनों का बसेरा था और मेरे भाई ने वाकई मेरा सपोर्ट किया और कंटेंट से जुड़ी अपनी सशक्त संवेदनाएं सामने लेकर आए। हम एक कमाल की टीम थे और अब भी हैं।”

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अनुष्का(Anushka Sharma) ने जब यह कदम उठाने का फैसला किया था, उस समय वह सिर्फ 25 साल की थीं। उन्होंने(Anushka Sharma) कहा, “मुझे खुशी है कि 25 साल की उम्र में मैंने बाजी अपने हाथ में ले ली थी और शायद मैंने इंडस्ट्री में एक महिला प्रोड्यूसर होने को लेकर छिड़ने वाली चर्चा का रुख बदल दिया है। अब कहा जाता है कि मैं हमेशा लीक से हटकर फिल्में बनाती हूं। इसे मैं अपना सौभाग्य मानती हूं।”

उन्होंने(Anushka Sharma) कहा, “अभिनेत्रियों के पक्ष में चीजों को हिला कर रख देने के लिए एनएच10 एक जरूरी और अहम फिल्म थी। एनएच10 ने दिखा दिया कि कोई महिला सर्वाइव करने के लिए, अपने दम पर खड़ा होने के लिए किस कदर संघर्ष कर सकती है। मुझे खुशी है कि मैं अपनी सिनेमैटिक हिस्ट्री की एक महत्वपूर्ण फिल्म के साथ प्रोड्यूसर बनी।” अनुष्का ने यह भी कहा कि वह खुश हैं कि उन्होंने एक एक्टर-प्रोड्यूसर बनने का रास्ता चुना और इस मायने में खुशकिस्मत हैं कि वह ये दोनों भूमिकाएं निभाने में कामयाब रहीं। उन्होंने कहा, “इसने यकीनन इंडस्ट्री को दिखा दिया कि अभिनेत्रियां यूनिडायमेंशनल (अकल्पनीय) नहीं होतीं। हमारी इंडस्ट्री का नैरेटिव बदलने के लिए यह एक जरूरी कदम था।”(आईएएनएस-SHM)

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