गुड़ महोत्सव से उत्पादकों को पंख लगाने की मुहिम

By : विवेक त्रिपाठी यूं तो सरकारों का ध्यान चीनी उत्पादकों की ओर रहा है। लेकिन अब गुड़ की मिठास बढ़ने वाली है। उत्पादकों के दिन बहुरने वाले हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में फरवरी में गुड़ महोत्सव का आयोजन कर इन्हें पंख लगाने की तैयारी है। यह आयोजन पिछले साल ही होना था,

By : विवेक त्रिपाठी 

यूं तो सरकारों का ध्यान चीनी उत्पादकों की ओर रहा है। लेकिन अब गुड़ की मिठास बढ़ने वाली है। उत्पादकों के दिन बहुरने वाले हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में फरवरी में गुड़ महोत्सव का आयोजन कर इन्हें पंख लगाने की तैयारी है।

यह आयोजन पिछले साल ही होना था, पर कोरोना के कारण इसे स्थगित करना पड़ा। अब चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग फिर इसकी तैयारियों में जुट गया है। पिछले दिनों विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय भूस रेड्डी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसके प्रारूप और मकसद पर विस्तार से चर्चा हुई।

उम्मीद है कि शीघ्र ही आयोजन की तिथि और जगह की भी घोषणा हो जाएगी। वैसे इसकी संभावित तिथि 13 और 14 फरवरी हो सकती है। इसमें गुड़ की ब्रैंडिंग और उससे जुड़े उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा। अधिक से अधिक लोग महोत्सव में शामिल हों। गुड़ के गुण और रेंज से वाकिफ हों, इसके लिये इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी होगा। आयोजन में प्रदेश भर के प्रगतिशील गन्ना किसानों को आमंत्रित किया जाएगा। इसमें कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के कई विशेषज्ञ उत्पादक भी हिस्सा लेंगें।

यह भी पढ़ें : देश की 3 कंपनियों की दौलत केंद्र सरकार के बजट से ज्यादा

अधिकारियों का कहना है कि महोत्सव में गुड़ की चाकलेट से लेकर मिठाई, कैंडी, खीर आदि के उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और गन्ना अनुसंधान संस्थान ने मिलकर अलग-अलग फ्लेवर में चॉकलेट और दूसरे उत्पाद तैयार किए हैं। मुजफ्फरनगर में तो गुड़ के प्रसंस्कृत उत्पादों की सौ से अधिक रेंज है। महोत्सव में आये किसान इनसे वाकिफ होंगे। इच्छुक किसानों को इस बाबत बाद में प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

विशेषज्ञों के अनुसार गुड़ खुद में एक संपूर्ण आहार है। औषधीय गुणों के साथ यह ऊर्जा का भी स्रोत है। इसमें शरीर के लिए जरूरी कई पोषक तत्व (आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस, विटामिन ए और बी) भरपूर मात्रा में मिलते हैं। जरूरत के हिसाब से इसे विटामिन्स से फोर्टिफाइड कर कुपोषण भी दूर किया जा सकता है। यही वजह है कि अलग-अलग स्वाद और खुशबू में उपलब्ध मुजफ्फरनगर के गुड़ और इसके प्रसंस्करित उत्पादों की देश और दुनिया में इतनी मांग है कि आपूर्ति नहीं हो पाती। गन्ना उत्पादक अन्य जिले भी गुड़ के प्रसंस्करण के जरिए गन्ने को संभावनाओं की खेती बना सकते हैं।

गुड़ महोत्सव से उत्पादकों को पंख लगाने की मुहिम
महोत्सव में चाकलेट , मिठाई, कैंडी, खीर आदि के उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा। (Social Media)

‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रॉडक्ट’ (ओडीओपी) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बेहद महत्वाकांक्षी योजना है। गुड़ मुजफ्फरनगर और अयोध्या का ओडीओपी है। मुजफ्फरनगर में गुड़ महोत्सव आयोजित हो चुका है। किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य हासिल करने के लिए योगी सरकार कृषि आधारित उत्पादों की ब्रैंडिंग और उसका अच्छा मूल्य दिलवाने का लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में यह आयोजन करवाया जा रहा है। इससे न केवल अयोध्या उससे सटे बस्ती और अवध एवं पूर्वांचल के गन्ना उत्पादक और जिले के गन्ना किसानों को भी लाभ होगा।

गुड़ के प्रसंस्करण के किसानों की आय बढ़ेगी। स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी। गन्ना बेचने के लिए वह चीनी मिलों के मोहताज नहीं रहेंगे। महोत्सव की संभावित तिथि 13 और 14 फरवरी हो सकती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसका उद्घाटन करेंगे।

अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास संजय भुस रेड्डी ने बताया कि गुड़ महोत्सव 2021 के उद्देश्य एवं कार्यक्रम की रूपरेखा बन रही है। महोत्सव में गुड़ एवं इसके सह उत्पादों के औषधीय लाभों के प्रचार प्रसार किया जाएगा। रेड्डी ने बताया कि 13 और 14 फरवरी को कार्यक्रम संभावित है। इसमें पूरे राज्य से गुड़ उत्पादन करने वाले लोगों को बुलाया जाएगा। (आईएएनएस)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here