भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को यहां कहा कि भाजपा मुस्लिम और ईसाई धर्म को अपनाने वाले दलितों के लिए किसी भी कीमत पर आरक्षण के पक्ष में नहीं है। भाजपा महादलित प्रकोष्ठ की ओर से प्रदेश कार्यालय के अटल सभागार में आयोजित संत शिरोमणि रविदास जी महाराज की 644 वीं जयंती पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस, राजद जैसे कुछ विपक्षी दल साजिशन ईसाई व मुस्लिम धर्म में धर्मान्तरित दलितों के लिए भी आरक्षण की मांग करते हैं।
उन्होंने कहा, “संविधान में हिन्दू, सिख व बौद्ध धर्मावलम्बी दलितों के लिए ही आरक्षण का प्रावधान है, ऐसे में भाजपा मुस्लिम व ईसाई धर्म को अपनाने वाले दलितों के लिए किसी भी कीमत पर आरक्षण के पक्ष में नहीं है।”
मोदी ने कहा, “भाजपा एसएसी, एसटी की नौकरियों के आरक्षण में क्रीमी लेयर के पक्ष में नहीं है, इसलिए नरेन्द्र मोदी की सरकार ने न केवल इसका पुरजोर विरोध किया है, बल्कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में 7 न्यायाधीशों की बेंच में भेजने की मांग की है।”
PRESS RELEASE
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ईसाई व मुस्लिम धर्म में धर्मान्तरित दलितों के
आरक्षण के पक्ष में नहीं है भाजपा-सुशील मोदी pic.twitter.com/G9msThjYl7— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) February 26, 2021
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उन्होंने कहा कि इसी प्रकार जब सुप्रीम कोर्ट ने एससी, एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के कुछ प्रावधानों को हटाया तो सरकार ने संविधान में संशोधन कर न केवल उसे पुनस्र्थापित किया बल्कि 23 नई धाराओं को जोड़ कर उसे और भी कठोर बनाया।
मोदी ने कहा कि बिहार में राजग की सरकार ने पंचायत चुनाव में एकल पदों पर 16 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया, जबकि 15 साल तक बिहार में चली राजद की सरकार ने एकल पदों पर आरक्षण दिए बिना पंचायत का चुनाव करा लिया था।
उन्होंने कहा कि, “राजग की सरकार आने के बाद राज्य में न एक नरसंहार हुआ, न एक भी दलित नरसंहार में मारा गया जबकि राजद की सरकार के दौरान हुए छह नरसंहारों में 165 दलित मारे गए थे।”
(AK आईएएनएस )