लोजपा के दांव ने जदयू का खेल बिगाड़ा !

बिहार चुनाव दिन-ब-दिन दिलचस्प मोड़ लेती जा रही है कहीं जदयू को अपने वोट काटने का दर सता रहा है और कहीं लोजपा के अध्यक्ष खुद को स्थापित करने की जद्दोजहद में हैं।

बिहार चुनाव 2020 Bihar Election 2020
जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार। (फाइल फोटो,Wikimedia Commons)

By: मनोज पाठक

केंद्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के कंधे से कंधा मिलकार चल रही लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने बिहार चुनाव में अकेले चुनाव मैदान में उतरकर ऐसा सियासी दांव चला है, जिसमें भाजपा के सहयोगी जनता दल (युनाइटेड) का खेल बिगाड़ कर रख दिया है। कल तक बिहार में ”बड़े भाई” की भूमिका में दंभ भरने वाले जदयू की हालत ऐसी हो गई है कि भाजपा ने भी समाचार पत्रों में दिए गए विज्ञापनों में नीतीश कुमार की तस्वीर नहीं लगाई है, जिससे कई तरह की संभावनाओं को बल मिल रहा है।

दीगर बात है कि राजग नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर चुनावी मैदान में है।

लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने पार्टी की कमान संभालते ही अलग स्टैंड लिया, जिससे पार्टी को मजबूती से स्थापित किया जा सके। अब वे खुद को स्थापित करने की जद्दोजहद में हैं। यही वजह है कि कई मौकों पर उन्होंने अपना स्टैंड जदयू से अलग दिखाया।

चुनाव के पहले से ही चिराग पासवान सरकार की कई योजनाओं के क्रियान्वयन व अफसरशाही पर सवाल उठाने से पीछे नहीं रहे। जब जदयू ने समय पर चुनाव कराने की बात की तो चिराग ने चुनाव आयोग को पत्र के जरिये कोरोना संक्रमण के चलते अभी चुनाव नहीं कराने की मांग कर दी। उस समय ही यह आशंका को बल मिल गया कि चिराग कोई बड़ा निर्णय लेंगे।

चिराग ने इस चुनाव में कुल 136 प्रत्याशी मैदान में उतार दिए, जिनमें दो का मखदुमपुर और फुलवारी में नामांकन रद हो गया। इस तरह अब 134 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से अधिकांश प्रत्याशी जदयू के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे हैं। लोजपा का हालांकि गोविदंगज, लालगंज, भागलपुर, राघोपुर, रोसड़ा और नरकटियागंज में भी प्रत्याशी है जहां से भाजपा चुनावी मैदान में है।

Bihar election 2020 LJP
चिराग पासवान, अध्यक्ष केंद्रीय संसदीय बोर्ड लोक जन शक्ति पार्टी (सोशल मीडिया)

लोजपा के प्रवक्ता और अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रमुख अशरफ असांरी कहते हैं कि गोविंदगंज और लालगंज उनकी सीटिंग सीट थी, शेष चार पर भाजपा के साथ उनका दोस्ताना संघर्ष है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इस चुनाव के बाद लोजपा भाजपा के साथ बिहार में सरकार बनाने वाली है।

इधर, चिराग ने भी उन सभी सीटों पर भाजपा प्रत्याशी को जीताने की अपील की है, जहां से लोजपा के प्रत्याशी नहीं हैं। हालांकि भाजपा और जदयू लगातार लोजपा को अलग होने की बात करते हुए बयान दे रही है।

कहा जा रहा है कि लोजपा इस चुनाव में नरेंद्र मोदी की छवि का प्रचार करके कम से कम 10-15 सीटें जीतना चाहती है, ऐसे में अगर भाजपा और जदयू मिलकर 122 के सरल बहुमत आंकड़े को हासिल करने में पीछे रह जाते हैं तो लोजपा की भाजपा के सहयोगी के तौर पर महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है।

राजग की ओर से जदयू जहां 115 सीटों पर चुनाव लड़ रही है वहीं भाजपा 110 सीटों पर चुनाव मैदान में है। भाजपा ने अपने हिस्से की 11 सीटें राजग में शामिल विकासशील इंसान पार्टी को दी है जबकि जदयू अपने हिस्से की सात सीटें हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को दी है।

इधर, भाजपा द्वारा समाचार पत्रों में दिए गए विज्ञापनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर तो है, लेकिन नीतीश कुमार की तस्वीर को स्थान नहीं दिया गया है। हाल ही में विभिन्न एजेंसियों द्वारा जारी किए गए सर्वे में नीतीश की लोकप्रियता में कमी को दशार्या गया है।

यह भी पढ़ें: बिहार में छोटे दल ‘वोटकटवा’ से ज्यादा कुछ नहीं!

हालांकि भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल कहते हैं कि भाजपा चुनावी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश के नेतृत्व में उतरी है, इसमें किसी को असमंजस में नहीं रहना चाहिए।

इधर, जदयू के अजय आलोक कहते हैं कि कई ‘युवराज’ चुनावी मैदान में अपने अस्तित्व को बचाने के लिए हैं, 10 नवंबर को सबकुछ स्पष्ट हो जाएगा।(आईएएनएस)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here