बिहार विधानसभा में दिखेंगे कई युवा चेहरे

इस बार भाजपा ने 74 सीटें जीती है वहीं जनता दल 43 पर ही सिमट गई। इसलिए यह आशंकाएं लगाई जा रही हैं कि भाजपा का मंत्रिमंडल में दबदबा रहेगा।

Nitish Kumar
बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार। (Twitter, Nitish Kumar)

By: मनोज पाठक

बिहार में नई सरकार के गठन को लेकर कवायद तेज हो गई है। इस बीच, नए मंत्रिमंडल को लेकर भी अब चर्चा प्रारंभ हो गई है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के फिर से सत्ता में वापसी के बाद इतना तो तय है कि बिहार के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर एक बार फिर से नीतीश कुमार काबिज होंगे, लेकिन इस बार उनके मंत्रिमंडल में कई नए चेहरे शामिल होंगे।

पिछली बार की तुलना में इस चुनाव में भाजपा जहां अधिक सीटें जीती हैं, वहीं जदयू की सीटों में गिरावट आई है। इस कारण यह तय माना जा रह है कि मंत्रिमंडल में इस बार भाजपा का दबदबा रहेगा।

इस बार भाजपा ने 74 सीटें जीती हैं। पिछली बार की तुलना में इस बार भाजपा के 21 अधिक विधायक जीतकर आए हैं। वहीं, जदयू के विजयी उम्मीदवारों की संख्या पिछली बार की 71 से घटकर 43 रह गई है। वहीं, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के चार-चार विधायक जीतकर आए हैं।

वैसे सूत्रों के मुताबिक, सरकार में शामिल होने के लिए राजग में फिलहाल कोई फार्मूला तय नहीं हुआ है, लेकिन कहा जा रहा है कि युवा चेहरे इस मंत्रिमंडल में देखने को मिलेंगे। यह भी अब तक तय नहीं है कि जदयू और भाजपा कोटे से कितने मंत्री बनेंगे। वैसे वीआईपी और हम के खाते में एक-एक मंत्री पद जाना तय माना जा रहा है।

इस बीच, हालांकि हम के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पहले ही कह चुके हैं वे मंत्री पद के दावेदार नहीं हैं। नियम के मुताबिक बिहार के विधानसभा में सीटों की संख्या के मुताबिक अधिकतम 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं। वैसे सूत्र यह भी बताते हैं कि मुख्यमंत्री के साथ सभी कोटे के मंत्रियों की संख्या नहीं भरी जाएगी। मंत्रिमकंडल में युवा चेहरों को प्रथमिकता दी जाएगी तथा सामाजिक समीकरणों का भी ध्यान रखा जाएगा।

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नई सरकार और नए मंत्रिमंडल गठन को लेकर बिहार भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी को दिल्ली तलब किया गया है। कहा जा रहा है कि मोदी को नई जिम्मेदारी देते हुए उपमुख्यमंत्री पद पर किसी दूसरे नेता को बैठाया जा सकता है।

इधर, जदयू की बात करें तो आठ मंत्री चुनाव हार गए हैं, जिनके कारण जदयू कोटे को नए नामों पर विचार करना होगा। कहा जा रहा है कि जदयू कोटे से 12 मंत्री बनाए जा सकते हैं जबकि भाजपा कोटे 18 से 20 मंत्री बन सकते हैं।

इस बीच, भाजपा में नवनिर्वाचित विधायकों ने मंत्रीपद को लेकर लॉबिंग भी शुरू कर दी है। कई नेता पटना से दिल्ली तक ऐसे नेता अपनी-अपनी गोटी सेट करने में लग गए हैं।

बहरहाल, मंत्रिमंडल को लेकर अभी तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं है, लेकिन इतना मामना जा रहा है कि इस मंत्रिमंडल में कई नए और युवा चेहरे होंगे वहीं चंपारण और मिथिलांचल के चेहरे मंत्रिमंडल में ज्यादा दिखेंगे।(आईएएनएस)

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